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अवैध आव्रजन पर ट्रंप की नीतियों के साथ भारत, कहा- गैरकानूनी तरीके से अमेरिका गए भारतीयों को लौटना चाहिए स्वदेश

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से जब यह पूछा गया कि क्या ट्रंप प्रशासन की आव्रजन रोकने की नीति का भारत पर असर होगा तो उनका जवाब था - हमारी नीति यह है कि गैर कानूनी आव्रजन को बढ़ावा नहीं देते हैं। हम चाहते हैं कि कानूनी तौर पर हमारे लोग बाहर जाएं। भारत को प्रशिक्षित श्रम को लेने की वैश्विक राजधानी माना जाने लगा है।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Fri, 08 Nov 2024 06:39 AM (IST)
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अवैध आव्रजन पर ट्रंप की नीतियों के साथ भारत
 जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत को और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपना मित्र बताते हैं लेकिन कई जानकार मान रहे हैं कि आव्रजन, एच1बी वीजा और कारोबार को लेकर ट्रंप की नीतियां भारत के हितों के खिलाफ जा सकती हैं।

ऐसे में भारत के विदेश मंत्रालय ने परोक्ष तौर पर ट्रंप की आव्रजन नीतियों का समर्थन किया है और कहा है कि भारत कानूनी तौर पर आव्रजन को बढ़ावा देने की नीति के साथ है। इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने गैर-कानूनी तौर पर अमेरिका में रहने वाले भारतीयों को स्वदेश लौटने की भी सलाह दी है।

भारत को ट्रंप की सख्त आर्थिक नीतियों से भी कोई खास समस्या होती नहीं दिखती और सरकार के भीतर ट्रंप की आर्थिक नीतियों पर विमर्श करने के साथ ही अमेरिका के साथ आर्थिक संबंधों को ज्यादा से ज्यादा मजबूत करने की तैयारी भी चल रही है।

हमारी नीति यह है कि गैर कानूनी आव्रजन को बढ़ावा नहीं देते- भारत

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से जब यह पूछा गया कि क्या ट्रंप प्रशासन की आव्रजन रोकने की नीति का भारत पर असर होगा तो उनका जवाब था - ' हमारी नीति यह है कि गैर कानूनी आव्रजन को बढ़ावा नहीं देते हैं। हम चाहते हैं कि कानूनी तौर पर हमारे लोग बाहर जाएं। भारत को प्रशिक्षित श्रम को लेने की वैश्विक राजधानी माना जाने लगा है। हमारे नौजवान, इंजीनियर प्रोफेशनल पूरी दुनिया में जा रहे हैं। हम चाहते हैं कि हमारे लोगों के लिए और अवसर खुलें। इससे दूसरे देशों के साथ कारोबार व अन्य क्षेत्रों में भी संबंध मजबूत होते हैं।'

इसके बाद जायसवाल ने कहा कि जिनके पास सही दस्तावेज नहीं है और वे अमेरिका में अवैध तौर पर रह रहे हैं तो उन्हें वापस आना चाहिए। हम कानूनी तौर पर आव्रजन को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं। इस बारे में अमेरिका से भी लगातार बात हो रही है।

ट्रंप ने अपनी चुनावी रैलियों में अमेरिका में गैर-कानूनी तरीके से आने वाले प्रवासियों को एक बड़े राजनीतिक मुद्दे के तौर पर पेश किया है। उन्होंने इस पर पूरी तरह से पाबंदी लगाते हुए सिर्फ वैध आव्रजन की अनुमति देने की बात कही है। ट्रंप के इन वादों के बीच ही एक रिपोर्ट आई है कि अमेरिका में अवैध तरीके से रहने वाले दूसरे देशों के नागरिकों में भारतीय नागरिकों की संख्या तीसरे नंबर पर है। अमेरिका के एक अधिकारी ने हाल ही में बताया है कि वर्ष 2023 में 1100 भारतीयों को अवैध तरीके से अमेरिका में रहने का दोषी पाते हुए भारत भेजा गया है।

अमेरिका हमारा दूसरा सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार देश

ट्रंप की आर्थिक नीतियां खासतौर पर दूसरे देशों से आने वाले उत्पादों पर ज्यादा टैक्स लगाने को भी भारत के हितों के खिलाफ माना जा रहा है। इससे भारत-अमेरिकी आर्थिक संबंधों पर संभावित असर के बारे में पूछे जाने पर जायसवाल ने कहा कि भारत व अमेरिका के आर्थिक रिश्ते काफी विस्तृत हैं। पिछले साल 2023 में 190 अरब डालर का व्यापार हुआ था। अमेरिका हमारा दूसरा सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार देश है। हमारे बीच व्यापार से जुड़े कई मुद्दे हैं जिन पर बातचीत चल रही है। इन मुद्दों का समाधान निकालना है।

पिछले साल भी भारत व अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में फंसे कई मामलों का आपसी सहमति से समाधान किया था। इसके अलावा भी कई मुद्दे हैं जिन पर गहन चिंतन और सहमति बनाने की जरूरत है। इसमें एच1बी वीजा का मुद्दा भी है जो काफी महत्वपूर्ण है। बड़ी संख्या में भारतीय प्रोफेशनल अमेरिका में कार्यरत हैं। इसी तरह से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का मुद्दा है जिस पर हमें बात करनी होगी। इन सभी मुद्दों पर विमर्श के जरिए हम भारत-अमेरिका के आर्थिक रिश्तों को मजबूत करने को लेकर तत्पर हैं।

भारत-अमेरिका संबंध बहुत विशेष और बहुआयामी : विदेश मंत्रालय

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद भारत ने कहा कि वह वहां के लोगों के जनादेश की अभिव्यक्ति की सराहना करता है व अमेरिका के साथ साझेदारी को और मजबूत करना चाहता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक सवाल के जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कि अमेरिका-भारत के संबंध बहुत विशेष और बहुआयामी हैं।

उन्होंने कहा- ''एक साथी लोकतंत्र देश के रूप में भारत अमेरिका में लोगों के जनादेश की इस अभिव्यक्ति का जश्न मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को टेलीफोन पर बातचीत के दौरान भी विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। ''