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वायुसेना ने मिग-21 फाइटर के पूरे बेड़े की उड़ान पर लगाई रोक, राजस्थान में हुए क्रैश के बाद लिया गया फैसला

वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने कहा जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती और दुर्घटना के कारणों का पता नहीं चल जाता तब तक मिग-21 के बेड़े को रोक दिया गया है। बता दें भारतीय वायुसेना में केवल तीन मिग -21 स्क्वाड्रन काम कर रहे हैं।

By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Sun, 21 May 2023 12:31 AM (IST)
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8 मई को मिग -21 बाइसन विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से तीन लोगों की मौत हो गई थी।
नई दिल्ली, एएनआई। भारतीय वायु सेना (आइएएफ) ने इस महीने की शुरुआत में राजस्थान में हुई दुर्घटना के कारणों की जांच होने तक मिग-21 लड़ाकू विमानों के पूरे बेड़े के उड़ान भरने पर रोक लगा दी है। सूरतगढ़ एयरबेस से उड़ान भरने वाला मिग-21 बाइसन विमान आठ मई को राजस्थान के हनुमानगढ़ के ऊपर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी।

मिग -21 स्क्वाड्रन को 2025 तक IAF से हटा दिया जाएगा

रक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा कि मिग -21 बेड़े की जांच पूरी होने और दुर्घटना के कारणों का पता लगाने तक इनके उड़ान भरने पर रोक दिया गया है। मिग -21 विमान वेरिएंट पांच दशकों में भारतीय वायु सेना में शामिल हैं और इन्हें चरणबद्ध तरीके से वायुसेना के बेड़े से बाहर किया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार वायुसेना में फिलहाल केवल तीन मिग-21 स्क्वाड्रन काम कर रहे हैं और 2025 की शुरुआत तक इन सभी को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा।

भारतीय वायुसेना के पास 31 लड़ाकू विमान स्क्वाड्रन हैं, जिनमें तीन मिग-21 बाइसन संस्करण के हैं। मिग-21 को 1960 के दशक में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था और लड़ाकू विमान के 800 संस्करण सेवा में रहे हैं। बीते कुछ वर्षों में एक के बाद एक हुए मिग हादसों के बाद ये विमान सवालों के घेरे में हैं।

सरकार चरणबद्ध तरीके से इन विमानों को बेड़े से बाहर करने की रणनीति पर काम कर रही है। भारतीय वायुसेना उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान के साथ एलसीए मार्क 1 ए और एलसीए मार्क 2 सहित स्वदेशी विमानों को शामिल करने पर भी विचार कर रही है।