'युद्ध लड़ने के तरीकों में आया बदलाव...', वायुसेना प्रमुख बोले- भूमि, समुद्र व वायु क्षेत्रों की सीमाएं हो रही धुंधली
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा है कि भूमि समुद्र वायु साइबर और अंतरिक्ष क्षेत्र की पारंपरिक सीमाएं तेजी से धुंधली होती जा रही हैं जिससे युद्ध लड़ने के तरीकों में बदलाव आ रहा है। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि नई प्रौद्योगिकियों में तेजी से बदलाव आ रहा है और अंतरिक्ष को निजी क्षेत्रों के लिए खोल दिया गया है।
पीटीआई, नई दिल्ली। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा है कि भूमि, समुद्र, वायु, साइबर और अंतरिक्ष क्षेत्र की पारंपरिक सीमाएं तेजी से धुंधली होती जा रही हैं, जिससे युद्ध लड़ने के तरीकों में बदलाव आ रहा है।
भारतीय रक्षा अंतरिक्ष संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को किया संबोधित
भारतीय रक्षा अंतरिक्ष संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए वायुसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि हमारी रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखने के लिए क्षमताओं का विकास किया जाना चाहिए जो अंतरिक्ष में हमारे हितों की रक्षा करें। वायुसेना प्रमुख ने कार्यक्रम को पहले से रिकार्ड किए गए वीडियो के जरिये संबोधित किया।
ई प्रौद्योगिकियों में आ रहा तेजी से बदलाव
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि नई प्रौद्योगिकियों में तेजी से बदलाव आ रहा है और अंतरिक्ष को निजी क्षेत्रों के लिए खोल दिया गया है। इसके चलते पहले से स्थापित योजनाओं में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है। नई संभावनाएं नए समाधान और बाहरी अंतरिक्ष तक कम लागत वाली पहुंच के लिए नया नजरिया प्रस्तुत कर रही हैं। हालांकि, इन नई संभावनाओं के साथ नए खतरे भी सामने आ रहे हैं।आम आदमी की अंतरिक्ष यात्रा अब हकीकत
वीआर चौधरी ने कहा कि निजी उद्यमियों की बढ़ती भागीदारी से हम देख रहे हैं कि अंतरिक्ष क्षेत्र लोकतांत्रिक हुआ है। आम आदमी की अंतरिक्ष यात्रा 25 साल पहले एक सपना थी, लेकिन आज यह एक सच्चाई है। निजी उद्यमियों और सेना द्वारा अंतरिक्ष के बढ़ते दोहन के साथ निश्चित रूप से इस क्षेत्र का महत्व बढ़ गया है। मालूम हो कि मानेकशा सेंटर में आयोजित होने वाली संगोष्ठी में सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारी और अंतरिक्ष उद्योग के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
यह भी पढ़ेंः Patanjali case: 'शिकायतकर्ताओं को भी पक्षकार बनाएं रामदेव', सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से किया इनकार