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अरुणाचल में भारतीय वायुसेना का बड़ा युद्धाभ्यास, राफेल और सुखोई समेत 40 फ्रंट लाइन लड़ाकू विमान शामिल

ईस्टर्न एयर कमांड क्षेत्र में हुए अभ्यास में एडवांस वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम एयरक्राफ्ट भी शामिल हुए। तवांग सेक्टर में एलएसी (LAC) पर चीनी सैनिकों के साथ झड़प से पैदा हुए हालातों के बीच भारतीय वायुसेना के इस युद्धाभ्यास को एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

By AgencyEdited By: Amit SinghUpdated: Fri, 16 Dec 2022 04:12 PM (IST)
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अरुणाचल में भारतीय वायुसेना का बड़ा युद्धाभ्यास
नई दिल्ली, एएनआई: भारतीय वायुसेना ने अरुणाचल प्रदेश समेत पूर्वोत्तर के इलाके में एक बड़ा युद्धाभ्यास किया। दो दिनों का यह युद्धाभ्यास गुरुवार को शुरू हुआ, जिसमें अत्याधुनिक लड़ाकू जेट राफेल और सुखोई-30MKI समेत भारतीय वायुसेना के लगभग 40 फ्रंट लाइन लड़ाकू विमान शामिल हुए। ईस्टर्न एयर कमांड क्षेत्र में हुए अभ्यास में एडवांस वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम एयरक्राफ्ट भी शामिल हुए। तवांग सेक्टर में एलएसी (LAC) पर चीनी सैनिकों के साथ झड़प से पैदा हुए हालातों के बीच भारतीय वायुसेना के इस युद्धाभ्यास को एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

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पूर्व निर्धारित था युद्धाभ्यास

हालांकि, रक्षा अधिकारियों के हवाले से जारी एक बयान में साफ किया गया है कि, यह अभ्यास पहले पहले से निर्धारित था। इसका अरुणाचल प्रदेश क्षेत्र में वर्तमान तनाव से कोई संबंध नहीं है। वायुसेना ने यह भी साफ किया है कि यह युद्धाभ्यास किसी भी तरह तवांग सेक्टर में हुई घटना से जुड़ा नहीं है और यह अभ्यास पहले से तय था। इस अभ्यास का मकसद वायुसेना के उड़ान दल के दस्तों के प्रशिक्षण की निरंतरता को बनाए रखना है। सभी फ्रंट लाइन लड़ाकू विमानों के अलावा ग्राउंड से जुड़े कई तरह के सैन्य संसाधनों को भी अभ्यास में शामिल किया गया है।

भारतीय वायु सेना के बेड़े में एक और राफेल शामिल

सेना और वायुसेना पूर्वी लद्दाख के अग्रिम मोर्चो के साथ अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम क्षेत्र में एलएसी पर अपनी ऑपरेशन सक्रियता पिछले दो साल से अधिक समय से लगातार बनाए हुए हैं। भारतीय सेनाओं की यह सर्तकता ही चीनी सैनिकों के मंसूबों को नाकाम कर रही है। वायुसेना ने पिछले हफ्ते तवांग सेक्टर में एलएसी के करीब चीन की बढ़ती हवाई सक्रियता को देखते हुए अपने लड़ाकू विमानों को भी करीब के इलाके में उतारा। खास बात यह भी रही कि पूर्वोत्तर में इस महत्वपूर्ण युद्धाभ्यास के दिन ही भारतीय वायुसेना को फ्रांस से आने वाला अंतिम राफेल विमान भी इसके बेड़े में शामिल हो गया। वायुसेना ने टवीट कर इसकी जानकारी दी।

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