Move to Jagran APP

चीन और पाकिस्तान सीमाओं पर बढ़ेगी भारत की क्षमता, वायुसेना की छह और स्वदेशी निगरानी विमान खरीदने की योजना

चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर निगरानी और मजबूत करने के लिए भारतीय वायुसेना ब्राजीलियाई एम्ब्रेयर विमान आधारित स्वदेशी नेत्र-वन एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (एईडब्ल्यू एंड सी) एयरक्राफ्ट प्रोग्राम फिर शुरू करने की प्रक्रिया में है। वायु सेना के एक अधिकारियों ने कहा कि DRDO द्वारा विकसित किए जाने के बाद से ही इसके दो विमानों को पहले ही वायु सेना में तैनात किया जा चुका है।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Thu, 21 Sep 2023 11:27 PM (IST)
Hero Image
वायुसेना की छह और स्वदेशी निगरानी विमान खरीदने की योजना। फोटोः एएनआई।
नई दिल्ली, एएनआई। चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर निगरानी और मजबूत करने के लिए भारतीय वायुसेना ब्राजीलियाई एम्ब्रेयर विमान आधारित स्वदेशी नेत्र-वन एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (एईडब्ल्यू एंड सी) एयरक्राफ्ट प्रोग्राम फिर शुरू करने की प्रक्रिया में है। डीआरडीओ द्वारा विकसित "आइज इन द स्काई" नाम से प्रसिद्ध दो नेत्र एईडब्ल्यू एंड सी निगरानी विमान पहले से ही वायुसेना में हैं। अब ऐसे छह और विमान बनाने की योजना है जिसके लिए कार्य शुरू हो चुका है।

वायु सेना के अधिकारी ने क्या कहा?

वायु सेना के एक अधिकारियों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किए जाने के बाद से ही इसके दो विमानों को पहले ही वायु सेना में तैनात किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इसी तरह के छह और विमान को बनाने की योजना है, जिसके लिए जमीनी काम शुरू हो गया है। मालूम हो कि नेत्रा AEW&C निगरानी विमानों को आकाश का आंखें भी कहा जाता है।

नेत्र-2 AEW&C परियोजना से बनेंगे छह और विमान

उन्होंने कहा कि डीआरडीओ और वायु सेना के अधिकारियों ने पहले से ही एम्ब्रेयर ईआरजे-145 विमान हासिल करने के लिए स्त्रोतों की तलाश शुरू कर दी है ताकि संशोधन के बाद उन पर रडार लगाने के लिए उनमें बदलाव किए जा सकें। उन्होंने आगे कहा कि नए विमानों को बनाने के लिए नया कार्यक्रम नेत्र-2 AEW&C परियोजना होगा, जिसके तहत छह A-321 विमानों में बदलाव किए जाएंगे और उसको निगरानी विमान में बदल दिया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना के तहत आने वाले करीब 10 सालों के दौरान करीब 13 और AEW&C विमान मिलेंगे।

यह भी पढ़ेंः भारत में 40 C295 विमानों का उत्पादन गेम चेंजर साबित होगा, प्रोजेक्ट से देश में बनेगा एयरोस्पेस इकोसिस्टम

फिलहाल इन विमानों से होती है सीमाओं की निगरानी

मालूम हो कि भारतीय वायु सेना चीन और पाकिस्तान से सटे सीमाओं पर निगरानी करने के लिए इन विमानों इन विमानों का प्रभावी ढंग से उपयोग कर रही है। इन विमानों का प्रदर्शन भी काफी शानदार रहा है। वायु सेना फिलहाल सीमाओं की निगरानी करने के अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए  तीन इजरायली AWACS और दो नेत्र निगरानी विमानों पर निर्भर है।

यह भी पढ़ेंः खत्म हुआ इंतजार, भारतीय जमीं पर उतरा C-295 परिवहन विमान; जानिए कब होगा IAF बेड़े में शामिल?