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भारतीय वायुसेना को सैल्यूट, पुणे से दिल्ली एयरलिफ्ट किए अंग; ग्लोबमास्टर ने भरी उड़ान तो बची एक जान

हर मुश्किल में साथ खड़ी रहने वाली भारतीय वायुसेना ने दिल जीतने वाला काम किया है। एक सूचना पर वायुसेना के ग्लोबमास्टर विमान ने पुणे से दिल्ली तक मानव अंगों को एयरलिफ्ट किया। इस वजह से एक सर्जरी संभव हो सकी। वायुसेना की इस पहल की जमकर तारीफ हो रही है। ग्रीन एयर कॉरिडोर के माध्यम से अंगों को दिल्ली तक पहुंचाया गया।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Mon, 23 Sep 2024 08:51 AM (IST)
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वायुसेना ने ग्लोबमास्टर से अंग किए एयरलिफ्ट। (फोटो- IAF)
एएनआई, नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना ने एक बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया है। दरअसल, भारतीय वायुसेना ने सी-17 ग्लोबमास्टर विमान के माध्यम से पुणे से दिल्ली तक अंगों को हवाई मार्ग से पहुंचाया। वायुसेना के इस अहम ऑपरेशन की वजह से एक महत्वपूर्ण जीवन रक्षक सर्जरी संभव हो सकी। पुणे से दिल्ली तक मानव अंगों को हवाई मार्ग से पहुंचाने के लिए सी-17 विमान के लिए ग्रीन एयर कॉरिडोर बनाया गया था।

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देर रात वायुसेना के विमान ने भरी उड़ान

भारतीय वायुसेना ने एक्स पर लिखा, "एक क्षण की सूचना पर हिंडन से सी-17 ग्लोबमास्टर ने आर एंड आर सैन्य अस्पताल के चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम के साथ कल देर रात उड़ान भरी। पुणे से दिल्ली तक जीवित अंगों को एयरलिफ्ट करने की खातिर C-17 विमान के लिए एक ग्रीन एयर कॉरिडोर बनाया गया। इससे एक महत्वपूर्ण जीवन रक्षक सर्जरी संभव हो सकी।"

वियतनाम को भेजी सहायता सामग्री

इससे पहले भारतीय वायु सेना ने यागी तूफान के कारण आई भीषण बाढ़ के बाद वियतनाम में मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान में अपने सी-17 ग्लोबमास्टर विमान को तैनात किया था।

म्यांमार और लाओस की मदद भी की

हिंडन एयर फोर्स स्टेशन से सी-17 विमान के जरिए वियतनाम को 35 टन सहायता सामग्री भेजी गई थी। भारत ने ऑपरेशन सद्भाव के तहत म्यांमार और लाओस को भी सहायता भेजी थी। इसके अलावा भारतीय नौसेना के आईएनएस सतपुरा से सूखा राशन, कपड़े और दवाइयों समेत 10 टन सहायता म्यांमार को भेजी गई।

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