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भारत में तेजी से बढ़ रहा Mpox का खतरा, एयरपोर्ट और सीमा पर अलर्ट; 10 Points में पढ़ें पूरा मामला

अफ्रीका से चला खतरनाक एमपॉक्स वायरस पड़ोसी देश पाकिस्तान तक पहुंच गया है। ऐसे में विश्व स्तर पर एमपॉक्स की मौजूदा स्थिति को देखते हुए भारत सरकार भी अलर्ट मोड पर है। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने बांग्लादेश और पाकिस्तान हवाई अड्डों बंदरगाहों और सीमाओं पर अधिकारियों को एहतियात बरतने के निर्देश दे दिए हैं। वहीं अस्पतालों को मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड तैयार करने को कहा गया है।

By Jagran News Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Tue, 20 Aug 2024 12:03 AM (IST)
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भारत में बढ़ रहा एमपॉक्स को लेकर खतरा (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। खतरनाक एमपॉक्स यानी मंकीपॉक्स ने अब भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में दस्तक दे दी है। ऐसे में इसने भारत के लिए भी चिंता पैदा कर दी है। इसके मद्देनजर केंद्र ने बांग्लादेश और पाकिस्तान हवाई अड्डों, बंदरगाहों और सीमाओं पर अधिकारियों को आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को लेकर सतर्क रहने को कहा है।

साथ ही सरकार ने अस्पतालों को मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड तैयार करने को कहा गया है। अब आपको हम 10 प्वाइंट में मंकीपॉक्स को लेकर की गई तैयारियों के बारे में विस्तार से बताते हैं।

  • एमपॉक्स रोगियों का अलग से इलाज करने के लिए दिल्ली में तीन सरकारी अस्पतालों को प्रमुख सुविधाओं के रूप में चुना गया है। इन तीन अस्पतालों में राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल और लेडी हार्डिंग अस्पताल के नाम शामिल हैं।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने जल्द पता लगाने के लिए बढ़ी निगरानी के बीच एमपॉक्स के लिए देश की तैयारियों की समीक्षा के लिए रविवार को एक बैठक की अध्यक्षता की।
  • केंद्र ने सभी राज्यों से एमपॉक्स मामलों से निपटने के लिए अस्पतालों को तैयार रखने को कहा है। सूत्रों ने कहा कि इन अस्पतालों को नोडल केंद्र के रूप में नामित किया जाना चाहिए और इसकी जानकारी जनता को दी जानी चाहिए।
  • अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल देश से एमपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि आकलन के अनुसार, निरंतर संचरण के साथ इसके फैलना का खतरा कम है।
  • इस बार का वायरस स्ट्रेन अलग है और अधिक जहरीला और संक्रामक है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक अधिकारी के हवाले से बताया, लेकिन मौजूदा आकलन के अनुसार, देश में निरंतर प्रसारण के साथ बड़े प्रकोप का जोखिम कम है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अफ्रीका के कई हिस्सों में इसकी व्यापकता और प्रसार को देखते हुए एमपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है।
  • स्वास्थ्य मंत्रालय ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि परीक्षण प्रयोगशालाओं का नेटवर्क बीमारी के शीघ्र इलाज के लिए तैयार है। वर्तमान में, देश में 32 प्रयोगशालाएं एमपॉक्स परीक्षण के लिए रखी गई हैं।
  • डब्ल्यूएचओ के एक पूर्व बयान में कहा गया है कि 2022 से 116 देशों में एमपॉक्स के कारण 99,176 मामले और 208 मौतें हुई हैं।
  • डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में एमपॉक्स के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले साल, दुनिया भर में रिपोर्ट किए गए मामलों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई। इस साल, अब तक दर्ज किए गए मामलों की संख्या पिछले साल की कुल संख्या से अधिक हो गई है, जिसमें 15,600 से अधिक मामले और 537 मौतें शामिल हैं।
  • 2022 के बाद से भारत में कम से कम 30 एमपॉक्स के मामले सामने आए हैं। एमपॉक्स का आखिरी मामला इसी साल मार्च में सामने आया था।