लेह-लद्दाख में सेना का शौर्य, 17 हजार फीट की ऊंचाई पर फंसे कोरियाई दंपत्ति को रात के अंधेरे में किया रेस्क्यू
भारतीय सेना ने लेह-लद्दाख के कोंगमारूला दर्रे में 17000 फीट की ऊंचाई पर फंसे एक दक्षिण कोरियाई दंपत्ति को बचाया। सेना के एयर विंग ने बर्फीली अंधेरी रात में बिना हैलीपैड के हेलीकॉप्टर उतारकर इस बचाव अभियान को अंजाम दिया। बीमार दंपति को लेह अस्पताल में भर्ती कराया गया जहाँ एक पर्वतारोही की मृत्यु हो गई।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारतीय सेना ने लेह-लद्दाख के कोंगमारूला दर्रे में 17000 फीट की ऊंचाई पर बर्फ में फंसे दक्षिण कोरियाई दंपत्ति को बीती रात एक बेहद मुश्किल और साहसिक बचाव अभियान का संचालन कर वहां से निकालने का सफल ऑपरेशन किया।
सेना के एयर विंग ने बफीर्ली अंधेरी रात में इतनी उंची जगह पर हैलीपैड नहीं होने के बावजूद अपने हेलीकॉप्टर को कोंगमारूला दर्रे पर उतार इस बचाव अभियान को अंजाम दिया। गंभीर रूप से बीमार हो चुके दोनों दक्षिण कोरियाई पवर्तरोहियों को बचाकर देर रात लेह अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान एक पर्वतारोही की मौत हो गई।
सेना के एयर डिफेंस विंग ने चलाया अभियान
सेना के एयर डिफेंस विंग ने चार सितंबर यानि शुक्रवार की रात को एक साहसिक आकस्मिक निकासी अभियान चलाकर दुनिया के कुछ सबसे दुर्गम इलाकों में उच्च-जोखिम वाले अभियानों के अपने शानदार रिकॉर्ड में एक और उपलब्धि जोड़ी।
सैन्य प्रतिष्ठान की ओर से साझा की गई जानकारी के अनुसार दक्षिण कोरिया गणराज्य के नागरिक ह्यून वू किम और उनकी पत्नी को निकालने का अनुरोध सेना के एयर विंग को रात लगभग 8:05 बजे प्राप्त हुआ। इसमें सेना को कोंगमारुला दर्रे पर फंसे दो दक्षिण कोरियाई नागरिकों से संबंधित एक आकस्मिक बचाव अभियान के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश था।
अंधेरी रात में मुश्किल था हेलीकॉप्टर उतारना
चूंकि कोंगमारूला का यह इलाका बेहद भौगोलिक-प्राकृतिक दृष्टि से बेहद चुनौतीपूर्ण है और 17,000 फीट से अधिक की ऊंचाई के साथ-साथ लद्दाख की खतरनाक बर्फ से ढकी चोटियां हैं। ऐसे में अंधेरी रात में हेलीकॉप्टर को वहां उतारना चुनौतीपूर्ण था। खासकर यह देखते हुए कि वहां कोई पहले से बना-बनाया हैलीपैड नहीं था। इसलिए हेलीकॉप्टर उतारने के लिए सटीक नाइट विजन लैंडिंग की आवश्यकता था। जाहिर तौर पर इसके लिए असाधारण पायलटिंग कौशल और स्थितिजन्य जागरूकता की आवश्यकता थी।
मैसेज मिलते ही शुरू हुई कार्रवाई
सेना के मुताबिक संदेश मिलने के 15 मिनट के भीतर ही रात 8:20 बजे विमानन स्क्वाड्रन ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और मिशन को अंजाम देने के लिए अपने हेलीकॉप्टरों को लॉन्च कर दिया। हेलीकॉप्टर रात 9:15 बजे कोंगमारूला दर्रे के शिखर पर उतरा और सैन्य बचाव दल ने बिना समय गंवाए दोनों विदेशी नागरिकों को हवाई मार्ग से बाहर निकाला।
कोरियाई पर्वतारोही दंपत्ति को बचाकर निकालने के बाद सैन्य दल ने इन्हें तत्काल मेडिकल टीम को सौंप दिया। लेह स्थित फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स के आर्मी एविएशन हेलीकॉप्टरों ने हताहतों को निकालने का चुनौतीपूर्ण काम किया। दोनों पर्वतारोहियों को तत्काल चिकित्सा उपचार के लिए लेह के सोनम नूरबू मेमोरियल अस्पताल ले जाया गया। लेकिन इसके बावजूद गंभीर रूप से बीमार एक पर्वतारोही की जान नहीं बच सकी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।