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भारतीय सेना ने लांन्च किया 'विद्युत रक्षक', जनरेटर के लिए एक तकनीकी इनोवेशन; जानिए क्या है इसकी खासियत

सेना ने एकीकृत जनरेटर निगरानी संरक्षण और नियंत्रण प्रणाली-विद्युत रक्षक को सोमवार को लांच किया। लांचिंग कार्यक्रम में लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने जम्मू -कश्मीर के श्रीनगर में स्थित जनरेटर को रिमोट से चालू किया और जनरेटर के मापदंडों को दूर से देखा। यह बदलाव के उत्प्रेरक के रूप में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए भारतीय सेना की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। आइओटी परस्पर संबंधित उपकरणों का नेटवर्क होता है।

By Agency Edited By: Nidhi Avinash Updated: Mon, 10 Jun 2024 11:45 PM (IST)
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भारतीय सेना ने लांन्च किया 'विद्युत रक्षक' (Image: ANI)

नई दिल्ली, पीटीआई। सेना ने एकीकृत जनरेटर निगरानी, संरक्षण और नियंत्रण प्रणाली-विद्युत रक्षक को सोमवार को लांच किया। सेना डिजाइन ब्यूरो (एडीबी) द्वारा विकसित तकनीक-आधारित इनोवेशन प्रणाली विद्युत रक्षक को सेना के उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने लांच किया।

लांचिंग कार्यक्रम में लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में स्थित जनरेटर को रिमोट से चालू किया और जनरेटर के मापदंडों को दूर से देखा। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने अपने संदेश में कहा, विद्युत रक्षक की यह सफलता मिसाल कायम करती है। यह बदलाव के उत्प्रेरक के रूप में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए भारतीय सेना की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। विद्युत रक्षक इंटरनेट आफ थिंग्स- (आइओटी) आधारित एकीकृत जनरेटर निगरानी, सुरक्षा और नियंत्रण प्रणाली है।

यह है इसकी खासियत

आइओटी परस्पर संबंधित उपकरणों का नेटवर्क होता है जो अन्य आइओटी उपकरणों के साथ जुड़ा होता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, इस तकनीक से जनरेटर के मापदंडों की निगरानी की जा सकेगी। एक ही सिस्टम से सेना के सभी जेनरेटरों का संचालन किया जा सकेगा। किसी जेनरेटर में गड़बड़ी का पहले ही पता चल जाएगा जिससे गड़बड़ी को ठीक किया जा सके। सेना ने कहा कि विद्युत रक्षक को मेजर राजप्रसाद आरएस ने विकसित किया गया है। हाल ही में अभ्यास भारत शक्ति के दौरान प्रदर्शित किया गया था और इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी देखा था।

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