'मैं तो पहले से ही शर्मिला था...', अंतरिक्ष से लौटे शुभांशु शुक्ला ने सुनाई बचपन की यादें; बताया कैसे पूरा किया सपना
अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने हाल ही में अपनी अंतरिक्ष यात्रा के अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि बचपन में वे शांत स्वभाव के थे और उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे अंतरिक्ष यात्रा करेंगे। हाल ही में उन्होंने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा करके भारतीयों के लिए एक मिसाल कायम की।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कुछ दिनों पहले अंतरिक्ष की यात्रा करके लौटे भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने अपने बचपन की बातों को लेकर काफी कुछ बताया है। उन्होंने बताया कि बचपन में वो बहुत शांत थे और उन्होंने कभी भी नहीं सोचा था कि वे एक दिन अंतरिक्ष की यात्रा करेंगे।
हाल ही में शुभांशु ने इंटरनेशनल स्पेस स्टोशन की यात्रा की है और उन्होंने भारतीयों के लिए एक नई मिसाल कायम की है। दिल्ली में वायुसेना के एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, "मैं बचपन से ही बहुत शर्मिला और चुप रहने वाला बच्चा था। बचपन में हम राकेश शर्मा की अंतरिक्ष यात्रा की कहानियां सुना करते थे, लेकिन कभी सोचा नहीं था कि मैं भी ऐसा कर पाऊंगा।"
Axiom-4 मिशन का हिस्सा थे शुभांशु
उन्होंने बताया कि स्पेस में जाने का सपना उनके अंदर देर से आया, लेकिन मेहनत और समर्पण ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचा दिया। बता दें, शुभांशु शुक्ला हाल ही में पूरी हुई Axiom-4 मिशन टीम का हिस्सा रहे।
इस मिशन के जरिए वे अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन तक पहुंचे और वहां वैज्ञानिक गतिविधियों में योगदान दिया। इस तरह वे ISS तक जाने वाले पहले भारतीय बन गए।
राजनाथ सिंह ने क्या बताया?
वायुसेना के कार्यक्रम के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चारों गगनयान यात्रियों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा, "गगनयान मिशन आत्मनिर्भर भारत की यात्रा का नया अध्याय है। यह देश की वैज्ञानिक शक्ति और नई पीढ़ी की प्रेरणा को दिखाता है।"
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