Chinese Mobile Ban: चीनी मोबाइल कंपनियों पर शिकंजा कसने की तैयारी, 12 हजार से कम के फोन पर लग सकता है बैन
केंद्र सरकार घरेलू स्मार्टफोन कंपनियों को मजबूती देने के लिए चीनी मोबाइल कंपनियों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक 12 हजार रुपये से कम के चीनी कंपनियों के स्मार्टफोन की बिक्री पर बैन लगाया जा सकता है।
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Tue, 09 Aug 2022 02:50 AM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। टैक्स चोरी से लेकर मनी लांड्रिंग तक में शामिल चीन की मोबाइल फोन निर्माता कंपनियों के उत्पादन के लिए सरकार सीमा तय कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक चीन की फोन निर्माता कंपनियों को 10-12 हजार रुपए तक के मोबाइल फोन बनाने पर रोक लग सकती है ताकि घरेलू मोबाइल फोन कंपनियों को प्रोत्साहित किया सके। सूत्रों के मुताबिक चीन की मोबाइल फोन कंपनियां फोन निर्माण में पारदर्शी रवैया भी नहीं अपना रही है जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान भी हो रहा है और घरेलू फोन निर्माता कंपनियां इन कंपनियों से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रही है।
संदिग्ध पाई गई चीनी कंपनियों की गतिविधियां
सूत्रों का कहना है कि इस प्रकार का प्रस्ताव अभी प्रारंभिक चरण में है। पिछले एक साल में भारत में फोन बनाने वाली शाओमी, ओप्पो, वीवो जैसी प्रमुख चीनी कंपनियों के ठिकानों पर भारतीय जांच एजेंसियों ने छापेमारी की है। छापेमारी के दौरान इन कंपनियों की गतिविधियां संदिग्ध पाई गई है।
लावा, माइक्रोमैक्स जैसी कंपनियों को होगा फायदा
काउंटरप्वाइंट की रिपोर्ट के मुताबिक देश में एक तिहाई से अधिक 12,000 रुपए से कम कीमत के स्मार्टफोन बिकते हैं और इनमें 80 फीसद हिस्सेदारी चीनी फोन निर्माता कंपनियों की है। इस सेगमेंट में चीन की कंपनियों पर रोक लगने से लावा, माइक्रोमैक्स जैसी कंपनियों को फायदा हो सकता है।एप्पल और सैमसंग के उत्पादन पर नहीं पड़ेगा फर्क
चीन की मोबाइल फोन निर्माता कंपनियों के भारत में दाखिल होने से पहले घरेलू स्तर पर इन दोनों कंपनियों की सबसे अधिक हिस्सेदारी थी। सूत्रों का कहना है कि सरकार के इस प्रस्ताव से एप्पल और सैमसंग के उत्पादन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। सैमसंग भी काफी कम संख्या में 12,000 रुपए से कीमत दाम के फोन बनाती है।
स्टार्टअप मुफ्त कर सकेंगे 5जी टेस्ट बेड का इस्तेमाल
यही नहीं सरकार की तरफ से मंजूरी प्राप्त स्टार्टअप और एमएसएमई अगले साल जनवरी तक स्वदेशी 5जी टेस्ट बेड का मुफ्त इस्तेमाल कर सकेंगे। यही नहीं 5जी से जुड़े अन्य स्टेकहोल्डर्स भी कम शुल्क पर स्वदेशी 5जी टेस्ट बेड़ का इस्तेमाल कर सकेंगे। टेलीकॉम विभाग ने 5जी उपकरण निर्माता, आरएंडडी संस्था व अन्य विशेषज्ञों से टेस्ट बेड का इस्तेमाल कर तेज गति से 5जी नेटवर्क की स्थापना करने के लिए कहा है।देश में पांच जगहों पर 5जी टेस्ट बेड उपलब्ध
स्वदेशी 5जी टेस्ट बेड के इस्तेमाल से भारतीय स्टार्टअप और एमएसएमई वैश्विक स्तर के 5जी उत्पाद विकसित कर सकेंगे। टेलीकॉम विभाग के मुताबिक 224 करोड़ की लागत से आठ भारतीय संस्थाओं की मदद से भारत में 5जी टेस्ट बेड विकसित किया गया है। देश में पांच जगहों पर 5जी टेस्ट बेड उपलब्ध हैं। इनमें आईआईटी मद्रास, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी हैदराबाद, आईआईटी कानपुर और आईआईएससी बंगलुरू शामिल हैं।