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Budget 2024: तीन से पांच प्रतिशत तक सस्ता हो सकता है भारत निर्मित मोबाइल फोन, घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग को मिलेगा प्रोत्साहन

घरेलू स्तर पर मोबाइल फोन की निर्माण लागत कम होने से मोबाइल फोन के आयात की गुंजाइश कम हो जाएगी और विदेशी कंपनियां भी भारत में मोबाइल बनाने के लिए और अधिक आकर्षित होंगी। चीन वियतनाम जैसे देशों में निर्माण लागत कम भारत के मुकाबले अब भी कम है जिससे विदेशी कंपनियां उन देशों में निर्माण करने के लिए आकर्षित हो सकती है।

By Jagran News Edited By: Babli Kumari Updated: Wed, 31 Jan 2024 07:01 PM (IST)
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अंतरिम बजट से पहले हुई भारत में निर्मित मोबाइल फोन को लेकर फैसला (प्रतिकात्मक फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अंतरिम बजट से ठीक एक दिन पहले सरकार ने मोबाइल निर्माण व निर्यात प्रोत्साहन के लिए मैन्यूफैक्चरिंग से जुड़े कई कंपोनेंट्स के आयात शुल्क में पांच प्रतिशत की कटौती का फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले से आने वाले समय में भारत में निर्मित मोबाइल फोन की लागत तीन से पांच प्रतिशत तक कम होने का अनुमान है जिससे मोबाइल फोन की कीमत में भी इतनी ही कमी आ सकती है।

घरेलू स्तर पर मोबाइल फोन की निर्माण लागत कम होने से मोबाइल फोन के आयात की गुंजाइश कम हो जाएगी और विदेशी कंपनियां भी भारत में मोबाइल बनाने के लिए और अधिक आकर्षित होंगी। चीन, वियतनाम जैसे देशों में निर्माण लागत कम भारत के मुकाबले अब भी कम है जिससे विदेशी कंपनियां उन देशों में निर्माण करने के लिए आकर्षित हो सकती है।

निर्माण लागत में 3 से 5 प्रतिशत की आएगी कमी

हालांकि सरकार के इस फैसले से मोबाइल कंपोनेंट्स के निर्माण के इकोसिस्टम पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका जाहिर की जा रही है। क्योंकि आयातित कंपोनेंट्स के सस्ता होने पर घरेलू स्तर पर निर्माण के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना होगा। वित्त मंत्रालय ने मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग से जुड़े बैट्री कवर, मेन लेंस, बैक कवर, एंटिना, सिम सौकेट व अन्य मैकेनिकल आइटम के आयात शुल्क को 15 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत तक करने का फैसला किया है। मोबाइल फोन से जुड़ी रिसर्च कंपनी काउंटरप्वाइंट के निदेशक तरुण पाठक ने बताया कि आयात शुल्क में कमी से फोन निर्माण लागत में 3-5 प्रतिशत की कमी तो आएगी, लेकिन निर्माता कंपनी इसका कितना फायदा ग्राहकों को देती है, यह उन पर निर्भर करेगा।

कंपनियां मोबाइल फोन की कीमत कर सकती है कम 

पुराने स्टॉक खत्म होने के बाद कंपनियां मोबाइल फोन की कीमत कम कर सकती है। अभी 10000 रुपए से कम कीमत वाले फोन की बिक्री पहले के मुकाबले कम हो गई है और कीमत में कमी से इनकी बिक्री बढ़ सकती है। इंडियन सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के चेयरमैन पंकज महेंद्रू ने बताया कि कंपोनेंट्स पर आयात शुल्क अधिक होने से घरेलू स्तर पर बनने वाले फोन की लागत अधिक हो रही थी जिससे कंपनियां फोन की कीमत बढ़ा सकती थी। ऐसे में सस्ते मोबाइल फोन का आयात बढ़ सकता था जिससे घरेलू फोन निर्माण पर प्रतिकूल असर पड़ता। इसलिए फोन निर्माता कंपनियों की तरफ से कंपोनेंट्स के आयात शुल्क में कटौती की मांग की जा र ही थी।

भारत में बिकने वाले 98 प्रतिशत फोन घरेलू निर्मित

वर्तमान में भारत में बिकने वाले 98 प्रतिशत फोन घरेलू निर्मित हैं। भारत में एक अरब से अधिक लोग फोन का इस्तेमाल करते हैं। मोबाइल फोन निर्माण व निर्यात के प्रोत्साहन के लिए सरकार ने वर्ष 2020 में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव की घोषणा की थी जिसके बाद से मोबाइल फोन का निर्यात लगातार बढ़ रहा है। पिछले वित्त वर्ष में भारत ने 13.9 अरब डॉलर के फोन का निर्यात किया था।

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