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भारतीय नौसेना ने अरब सागर में पकड़ी 940 किलोग्राम ड्रग्स की खेप, 'क्रिमसन बाराकुडा' के तहत मार्को कमांडो ने की कार्रवाई

नौसेना ने मंगलवार को बताया कि भारतीय नौसेना ने पहली बार संयुक्त समुद्री बल (सीएमएफ) के सदस्य के रूप में ड्रग्स की बरामदगी की है। इनमें 453 किलोग्राम मेथमफेटामाइन 416 किलोग्राम हैश और 71 किलोग्राम हेरोइन शामिल है। सीएमएफ 42 देशों की नौसैनिक साझेदारी है जिसका उद्देश्य समुद्र में सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देकर अंतरराष्ट्रीय नियम-आधारित व्यवस्था को बनाए रखना है।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Wed, 17 Apr 2024 06:00 AM (IST)
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भारतीय नौसेना ने पश्चिमी अरब सागर में 940 किलोग्राम ड्रग्स की खेप जब्त की है।
पीटीआई, नई दिल्ली। भारतीय नौसेना ने पश्चिमी अरब सागर में 940 किलोग्राम ड्रग्स की खेप जब्त की है। कनाडा के नेतृत्व वाले संयुक्त कार्य बल (सीटीएफ)- 150 की सहायता से यह कार्रवाई की गई है। सीटीएफ 150 दुनिया की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय नौसैनिक साझेदारी सीएमएफ के तहत पांच टास्क फोर्स में से एक है।

नौसेना ने मंगलवार को बताया कि भारतीय नौसेना ने पहली बार संयुक्त समुद्री बल (सीएमएफ) के सदस्य के रूप में ड्रग्स की बरामदगी की है। इनमें 453 किलोग्राम मेथमफेटामाइन, 416 किलोग्राम हैश और 71 किलोग्राम हेरोइन शामिल है। सीएमएफ 42 देशों की नौसैनिक साझेदारी है जिसका उद्देश्य समुद्र में सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देकर अंतरराष्ट्रीय नियम-आधारित व्यवस्था को बनाए रखना है। भारतीय नौसेना पिछले नवंबर में सीएमएफ में शामिल हुई थी।

नौसेना के प्रवक्ता ने कहा कि समुद्री सुरक्षा अभियानों के लिए पश्चिमी अरब सागर में तैनात भारतीय नौसेना के जहाज आइएनएस तलवार पर तैनात भारतीय नौसेना के मार्को कमांडो ने 'क्रिमसन बाराकुडा' अभियान के तहत समुद्र में गश्ती के दौरान 13 अप्रैल को 'ढाउ' (विशेष नौका) से 940 किलोग्राम ड्रग्स को जब्त किया। मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार ड्रग्स का निपटारा कर दिया गया।

सीटीएफ 150 के कमांडर, रायल कैनेडियन नेवी के कैप्टन कालिन मैथ्यूज ने कहा, "मैं इस अभियान के दौरान प्रयासों के लिए आइएनएस तलवार के चालक दल की सराहना करता हूं और उनकी कड़ी मेहनत से 940 किलोग्राम ड्रग्स को सफलतापूर्वक जब्त किया जा सका। क्रिमसन बाराकुडा अभियान 15 अप्रैल को संपन्न हुआ। इसका मकसद पश्चिमी हिंद महासागर क्षेत्र में आतंकी और आपराधिक संगठनों द्वारा समुद्र में की जा रही तस्करी को रोकना था।"