ड्रोन हमला झेलने वाले इजरायली जहाज पर था 25 सदस्यीय भारतीय चालक दल, नौसेना कर रही जांच
नौसेना भारतीय तट के पास व्यापारी जहाज पर ड्रोन हमले की जांच कर रही है। भारतीय नौसेना ने इस बात की जांच शुरू कर दी है कि जहाज पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किया गया ड्रोन लंबी दूरी से लॉन्च किया गया था या पास के किसी जहाज से किया गया। इसमें चालक दल के 25 भारतीय सदस्य सवार थे जो सुरक्षित हैं।
एएनआई, नई दिल्ली। असब सागर में इजरायली जहाज पर बीते दिन हुए ड्रोन अटैक की जांच भारतीय नौसेना कर रही है। इसके लिए युद्धपोत आईएनएस मोर्मुगाओ भारत आने वाले व्यापारिक जहाज एमवी केम प्लूटो पहुंचा। इसी जहाज पर ड्रोन हमला हुआ था, जिसे ईरान की ओर से किया गया माना जा रहा है।
अधिकारियों के मुताबिक, भारतीय नौसेना ने इस बात की जांच शुरू कर दी है कि जहाज पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किया गया ड्रोन लंबी दूरी से लॉन्च किया गया था या पास के किसी जहाज से किया गया।
25 भारतीय सदस्य सवार
भारतीय नौसेना के अधिकारी ने कहा कि गैबन के ध्वज वाले जहाज एमवी साईबाबा को भी लाल सागर में ड्रोन हमले का सामना करना पड़ा है। इसमें चालक दल के 25 भारतीय सदस्य सवार थे, जो सुरक्षित हैं। यह भारतीय ध्वज वाला जहाज नहीं है।उधर, अमेरिका ने कहा कि यह 2021 के बाद से वाणिज्यिक शिपिंग पर ये सातवां ईरानी हमला था। 25 भारतीय और एक वियतनामी चालक दल के सदस्य के साथ चल रहे एमवी केम प्लूटो जहाज पर शनिवार को एक संदिग्ध ड्रोन द्वारा हमला किए जाने के बाद आग लग गई। आईसीजी ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि इस जहाज को बाद में भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) द्वारा सुरक्षित कर लिया गया।
ICGS विक्रम सुरक्षा में तैनात
इसी बीच भारतीय तटरक्षक जहाज ICGS विक्रम आज सुबह अरब सागर में व्यापारी जहाज एमवी केम प्लूटो को मुंबई की ओर ले जा रहा है। कल ड्रोन की चपेट में आए व्यापारी जहाज ने आईसीजीएस विक्रम द्वारा एस्कॉर्ट किए जाने का अनुरोध किया था।#WATCH | Indian Coast Guard ship ICGS Vikram escorting merchant vessel MV Chem Pluto in the Arabian Sea towards Mumbai in the morning today. The merchant ship hit by a drone yesterday had requested to be escorted by the ICGS Vikram. ICG Dorniers are also airborne to keep an eye… pic.twitter.com/6FIqcayHj4
— ANI (@ANI) December 24, 2023
कथित तौर पर व्यापारी जहाज ने 19 दिसंबर को संयुक्त अरब अमीरात से अपनी यात्रा शुरू की थी और 25 दिसंबर को इसे न्यू मैंगलोर बंदरगाह पर पहुंचना था।