प्रोजेक्ट 75 की 5वीं पनडुब्बी का समुद्री परीक्षण शुरू, इसी साल नौसेना को सौंपी जाएगी कलवरी क्लास की सबमरीन
प्रोजेक्ट 75 की पांचवीं पनडुब्बी के लिए समुद्री परीक्षण शुरू हो गया है। इसमें पनडुब्बी की प्रणोदन प्रणाली हथियार और सेंसर का परीक्षण शामिल है। बुधवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि पनडुब्बी जिसे कमीशनिंग के समय आइएनएस वागीर नाम दिया जाएगा।
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Thu, 03 Feb 2022 01:47 AM (IST)
मुंबई, पीटीआइ। प्रोजेक्ट 75 की पांचवीं पनडुब्बी के लिए समुद्री परीक्षण शुरू हो गया है। इसमें पनडुब्बी की प्रणोदन प्रणाली, हथियार और सेंसर का परीक्षण शामिल है। बुधवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि पनडुब्बी, जिसे कमीशनिंग के समय आइएनएस वागीर नाम दिया जाएगा। वगीर एक खास तर की मछली होती है। इन परीक्षणों के पूरा होने के बाद इस साल के अंत में भारतीय नौसेना को सौंप दी जाएगी। प्रोजेक्ट 75 की पांचवीं पनडुब्बी, भारतीय नौसेना के कलवरी क्लास की पनडुब्बी है।
यह ट्रायल मील का पत्थरइसने पहली फरवरी को अपना समुद्री परीक्षण शुरू किया। पनडुब्बी को नवंबर 2020 में मझगांव डाक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) के कान्होजी आंग्रे वेट बेसिन से लांच किया गया। कोरोना महामारी के बावजूद, मुंबई स्थित एमडीएल ने 2021 में प्रोजेक्ट 75 की दो पनडुब्बियों की डिलीवरी की है। पांचवीं पनडुब्बी का समुद्री परीक्षण शुरू करना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
इसी साल नौसेना के हवाले होगी पनडुब्बी पनडुब्बी अब प्रणोदन प्रणाली, हथियार और सेंसर सहित समुद्र में अपने सभी प्रणालियों के गहन परीक्षणों से गुजरेगी। इन परीक्षणों के पूरे होने के बाद पनडुब्बी को इसी साल नौसेना को सौंपने की योजना है। पिछले साल नवंबर में, भारतीय नौसेना ने आइएनएस वेला को अपने बेड़े में शामिल किया था। यह प्रोजेक्ट 75 के तहत बनने वाली कलवरी क्लास की छह पनडुब्बियों में से चौथी थी। परियोजना के तहत निर्मित और पहले से ही कमीशन की गई अन्य पनडुब्बियां आइएनएस कलवरी, आइएनएस खंडेरी और आइएनएस करंज हैं।
आइएनएस विक्रांत के लिए राफेल-मरीन का परीक्षणफ्रांस निर्मित राफेल लड़ाकू विमान के समुद्री संस्करण का गोवा में एक तटवर्ती अड्डे पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। इस विमान के लिए स्वदेश में विकसित विमानवाहक पोत आइएनएस विक्रांत जैसी स्थितियों का अनुकरण किया गया। यह जानकारी एक शीर्ष राजनयिक ने दी। राफेल-एम को अमेरिका निर्मित सुपर हार्नेट की टक्कर में विकसित किया गया है। दोनों का मूल्यांकन भारतीय नौसेना द्वारा 44 हजार टन के आइएनएस विक्रांत पर तैनाती के लिए संभावित खरीद के लिए किया जा रहा है।