Indian Navy ने DRDO के सहयोग से स्वदेशी नौसैनिक एंटी-शिप मिसाइल का किया सफल परीक्षण, देखें वीडियो
नौसेना ने मंगलवार को डीआरडीओ के सहयोग से एंटी-शिप मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। मिसाइल में कई नई तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है जिसमें हेलीकॉप्टर के लिए स्वदेशी रूप से विकसित लांचर भी शामिल है। कोई मिसाइल कितनी प्रभावी है यह उसकी गाइडेंस तकनीक पर ही निर्भर करता है।
By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Tue, 21 Nov 2023 08:03 PM (IST)
पीटीआई, नई दिल्ली। सेना ने डीआरडीओ के सहयोग से मंगलवार को स्वदेशी नौसैनिक एंटी शिप मिसाइल का सफल परीक्षण किया। सीकिंग 42बी हेलीकॉप्टर से यह परीक्षण किया गया। मिसाइल तकनीक के मामले में आत्मनिर्भरता की दिशा में यह परीक्षण बेहद अहम कदम है।
मिसाइल प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बड़ा कदम
अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट में नौसेना ने कहा कि यह परीक्षण मिसाइल प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस मिसाइल का पहली बार परीक्षण मई 2022 में किया गया था।
यह भी पढ़ें: Indian Navy Recruitment 2023: भारतीय नौसेना में अप्रेंटिसशिप का मौका, 10वीं-ITI उत्तीर्ण युवा कर सकते हैं अप्लाई#IndianNavy in association with @DRDO_India successfully undertook Guided Flight Trials of #1st indigenously developed Naval #AntiShipMissile frm Seaking 42B helo on #21Nov 23.
— SpokespersonNavy (@indiannavy) November 21, 2023
A significant step towards achieving self-reliance in niche missile tech, incl seeker & guidance tech. pic.twitter.com/nbKI7ZuzDq
मिसाइल में कई नई तकनीकों का हुआ इस्तेमाल
बता दें कि भारतीय नौसेना द्वारा किए गए इस परीक्षण में मिसाइल की सीकर और गाइडेंस तकनीक का भी परीक्षण किया गया। परीक्षण के बाद जारी बयान के अनुसार, मिसाइल में कई नई तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें हेलीकॉप्टर के लिए स्वदेशी रूप से विकसित लांचर भी शामिल है। कोई मिसाइल कितनी प्रभावी है, यह उसकी गाइडेंस तकनीक पर ही निर्भर करता है।
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