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इजरायल से तनाव के बीच ईरान पहुंचे भारतीय युद्धपोत, भारत के इस कूटनीतिक कदम की क्यों हो रही चर्चा?

Israel-Iran tension एक अक्टूबर को ईरान ने इजरायल पर 181 बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। किसी भी वक्त इजरायल ईरान पर हमला कर सकता है। इस बीच भारतीय नौसेना के तीन युद्धपोत ईरान के बंदर अब्बास पहुंच चुके हैं। फारस की खाड़ी में दोनों देशों की नौसना अभ्यास करेंगी।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Fri, 04 Oct 2024 12:41 PM (IST)
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ईरान पहुंचे भारतीय नौसेना के युद्धपोत। ( फाइल फोटो)

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजरायल के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारतीय नौसेना के युद्धपोत ईरान के बंदर अब्बास पहुंच चुके हैं। भारत और ईरान की नौसेनाएं फारस की खाड़ी में संयुक्त अभ्यास में हिस्सा लेंगी। भारतीय युद्धपोतों का ईरानी युद्धपोत जेराह ने बंदर अब्बास बंदरगाह पर स्वागत किया। भारतीय नौसेना ने अपने बेड़े में तीन प्रशिक्षण युद्धपोतों को ईरान भेजा है।

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ये तीन युद्धपोत पहुंचे ईरान

भारत और ईरान का फोकस समुद्री सहयोग बढ़ाने पर है। भारतीय नौसेना ने जानकारी दी कि नौसेना का बेड़ा ईरान के बंदर अब्बास पहुंच गया है। इस बेड़े में आईएनएस तीर, आईएनएस शार्दुल और आईसीजीएस वीरा शामिल है।

बता दें कि इससे पहले इसी साल मार्च में ईरानी प्रशिक्षण फ्लोटिला जहाज बुशहर और टोनब मुंबई पहुंचे थे। वहीं फरवरी में ईरानी नौसेना के जहाज डेना ने नौसेना अभ्यास मिलन में भी हिस्सा लिया था।

भारत के ईरान और इजरायल दोनों से अच्छे रिश्ते

इजरायल के साथ निकटता और ईरान के साथ अभ्यास को भारत की एक सधी विदेश नीति के रूप में देखा जा रहा है। ईरानी हमले से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात भी की थी। खास बात यह है कि रूस व यूक्रेन की तरह भारत के इजरायल और ईरान दोनों के साथ अच्छे संबंध है। दुनिया में ऐसे बहुत की कम देश हैं जिनके दोनों पक्षों से रिश्ते बेहतर हैं। भारत ने ईरान के चाबहार पोर्ट पर भारी भरकम निवेश भी किया है।

साहसिक रणनीतिक कदम

इजरायल के साथ तनाव के बीच ईरान और भारतीय नौसना के अभ्यास को भारत का एक साहसिक रणनीतिक कदम कहा जा रहा है। इससे पहले भारत ने पश्चिम देशों की परवाह के बिना यूक्रेन युद्ध के बीच रूस से कच्चे तेल का आयात जारी रखा। यह तटस्थ भारतीय विदेश नीति का एक बेहतरीन उदाहरण था। 

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