अगले साल 50 देशों के साथ युद्धाभ्यास करेगी भारतीय नौसेना, 19 से 27 फरवरी तक विशाखापट्टनम में दिखेगा पराक्रम
भारत फरवरी में आयोजित नौ दिवसीय मेगा नौसैनिक अभ्यास में अपनी बढ़ती समुद्री शक्ति का प्रदर्शन करेगा। तेजी से बिगड़ते वैश्विक भू-राजनीतिक माहौल और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य ताकत के बीच इस महाअभ्यास में 50 से अधिक देशों के शामिल होने की संभावना है।
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Fri, 20 Oct 2023 11:12 PM (IST)
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत फरवरी में आयोजित नौ दिवसीय मेगा नौसैनिक अभ्यास में अपनी बढ़ती समुद्री शक्ति का प्रदर्शन करेगा। तेजी से बिगड़ते वैश्विक भू-राजनीतिक माहौल और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य ताकत के बीच इस महाअभ्यास में 50 से अधिक देशों के शामिल होने की संभावना है।
19 से 27 फरवरी तक 'मिलन' अभ्यास का आयोजन
भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि अगले वर्ष 19 से 27 फरवरी तक विशाखापट्टनम में 'मिलन' अभ्यास का आयोजन किया जाएगा। इस अभ्यास में अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, बांग्लादेश, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया की नौसेनाएं शामिल होंगी। आगामी अभ्यास भारत में आयोजित होने वाला अब तक का सबसे बड़ा बहुपक्षीय युद्धाभ्यास होगा।
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इसमें बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास, उन्नत वायु रक्षा संचालन, पनडुब्बी रोधी युद्ध और सतह रोधी अभ्यास शामिल होंगे। यह पता चला है कि अरब सागर में होने वाले युद्धाभ्यास में शामिल होने वाले सभी देश अपने मंच और कर्मियों को भेजेंगे। मिलन एक द्विवार्षिक बहुपक्षीय नौसैनिक अभ्यास है। इसे 1995 में भारतीय नौसेना ने शुरू किया था।
भारतीय नौसेना ने आंध्र में किया सुरक्षा अभ्यास
पूर्वी नौसेना कमान के नेतृत्व में आंध्र प्रदेश के नौसेना अधिकारी ने काकीनाडा में अपतटीय विकास क्षेत्र की सुरक्षा के लिए अभ्यास 'प्रस्थान' 2023 का आयोजन किया। यह अभ्यास ओएनजीसी के रिग जहाज प्लेटिनम एक्सप्लोरर और वेदांता लिमिटेड के आरजी फिक्स्ड आयल प्लेटफार्म पर आयोजित किया गया था।
यह भी पढ़ेंः Indian Navy: पश्चिम एशिया के घटनाक्रम पर नौसेना रख रही पैनी नजर, चीन की हर चाल की हो रही निगरानीइस अभ्यास का उद्देश्य आकस्मिकताओं से निपटने में प्रतिक्रियाओं का पूर्वाभ्यास करना और ओडीए में सुरक्षा तंत्र की प्रभावकारिता की जांच करना था। इस अभ्यास में भारतीय नौसेना, तटरक्षक बल, आयल आपरेटर, बंदरगाह प्राधिकरण, राज्य मत्स्य विभाग और समुद्री पुलिस ने भाग लिया।