Shivaji Maharaj Statue: शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने की नौसेना करेगी जांच, मरम्मत के लिए सिंधुदुर्ग रवाना हुई टीम; ठेकेदार पर FIR
भारतीय नौसेना ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के ढहने की घटना की जांच के आदेश दिए हैं। दरअसल प्रतिमा का अनावरण पिछले साल नौसेना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। नौसेना ने इसको दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना बताया है। साथ ही कहा कि इसको लेकर तुरंत जांच करने और जल्द से जल्द प्रतिमा की मरम्मत पुनर्स्थापना के लिए कदम उठाने के लिए एक टीम को तैनात किया है।
आईएएनएस, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा सोमवार को तेज हवाओं के कारण ढह गई। इस प्रतिमा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल (4 दिसंबर 2023) को अनावरण किया था। प्रतिमा ढहने के बाद विपक्षी पार्टियों ने राज्य सरकार पर सवाल उठाए हैं।
इस बीच भारतीय नौसेना ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के ढहने की घटना की जांच के आदेश दिए हैं। दरअसल, प्रतिमा का अनावरण पिछले साल नौसेना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
नौसेना ने दुर्घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया
देर रात जारी एक बयान में नौसेना ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना बताया। साथ ही कहा कि इसको लेकर तुरंत जांच करने और जल्द से जल्द प्रतिमा की मरम्मत, पुनर्स्थापना के लिए कदम उठाने के लिए एक टीम को तैनात किया है। बता दें कि प्रतिमा का निर्माण भारतीय नौसेना ने किया था।
राज्य सरकार और विशेषज्ञ करेंगे जांच
नौसेना ने कहा, राज्य सरकार और संबंधित विशेषज्ञों के साथ, नौसेना ने इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के कारणों की तत्काल जांच करने और जल्द से जल्द प्रतिमा की मरम्मत और पुनःस्थापना के लिए कदम उठाने के लिए एक टीम तैनात की है।ठेकेदार और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट पर एफआईआर दर्ज
वहीं, प्रतिमा गिरने के बाद सिंधुदुर्ग पुलिस ने ठेकेदार जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने कई धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर दर्ज की है।
सिंधुदुर्ग पुलिस ने कहा, "छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना में पुलिस ने ठेकेदार जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 109, 110, 125, 318 और 3(5) के तहत एफआईआर दर्ज की है।"