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लंबी दूरी के प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए भारतीय नौसेना का पहला ट्रेनिंग स्क्वाड्रन पहुंचा दुबई

भारतीय नौसेना का पहला ट्रेनिंग स्क्वाड्रन दुबई पहुंचा। इस दौरान जहाजों का भारतीय दूतावास संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के नौसेना अधिकारियों एवं भारतीय रक्षा अताशे (Defence Attache)द्वारा स्वागत किया गया। यूएई के नौसेना के अधिकारियों ने जहाज का भ्रमण किया और जहाज के अधिकारियों से बातचीत भी की।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Mon, 10 Oct 2022 03:43 PM (IST)
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भारतीय नौसेना का पहला ट्रेनिंग स्क्वाड्रन पहुंचा दुबई
नई दिल्ली। एनएआइ। आइएनएस तीर (INS Tir),आइएनएस सुजाता (INS Sujata)और कोस्ट गार्ड के जहाज सारथी सहित भारतीय नौसेना का पहला ट्रेनिंग स्क्वाड्रन सोमवार को दुबई के राशिद बंदरगाह पर पहुंचा। इन जहाजों को लंबी दूरी के प्रशिक्षण तैनाती के हिस्से के रूप में तैनात किया गया है। जहाजों का भारतीय दूतावास, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के नौसेना अधिकारियों एवं भारतीय रक्षा अताशे (Defence Attache)द्वारा स्वागत किया गया।

यूएई के नौसेना के अधिकारियों ने जहाज का भ्रमण किया और जहाज के अधिकारियों से बातचीत भी की। पोर्ट काल (Port Call)के दौरान क्रॉस-ट्रेनिंग यात्राओं और सामुदायिक संपर्क गतिविधियों की योजना बनाई गई। समुद्री ट्रेनी को समुद्र में युद्धाभ्यास और समुद्री नाव संचालन में विभिन्न तकनीकों से भी अवगत कराया गया।

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दुबई से पहले कुवैत पहुंचे थे प्रथम प्रशिक्षण स्क्वाड्रन के तीन जहाज

उल्लेखनीय है कि 4 अक्टूबर को आईएनएस तीर, सुजाता और सीजीएस सारथी समेत प्रथम प्रशिक्षण स्क्वाड्रन के जहाज कुवैत के अल-शुवाइख पोर्ट पहुंचे थे। इन जहाजों को फारस की खाड़ी पर तैनात किया गया था। कुवैत में नौसेना, सीमा रक्षक बल और भारतीय दूतावास के अधिकारियों का स्वागत किया गया। बता दें कि कुवैत और भारत के बीच सैन्य और समुद्री संबंधों को और भी बेहतर बनाने के लिए भारतीय नौसेना तीन दिवसीय दौरे पर कुवैत पहुंची थी।

भारत और यूएइ के रिश्ते

अगस्त में विदेश मंत्री एस जयशंकर संयुक्त अरब अमीरात (UAE)गए थे जहां उन्होंने खाद्य सुरक्षा, निवेश, रक्षा व अंतरिक्ष, कारोबार, स्वास्थ्य, ऊर्जा, शिक्षा, कौशल विकास सहित अन्य मुद्दों पर बात की थी। भारत और यूएई एक दूसरे के रिश्तों को कितना महत्व दे रहे हैं, इसे इस बात से समझा जा सकता है कि पहली बार दोनों देशों के बीच गठित संयुक्त आयोग और रणनीतिक वार्ता एक साथ हुई थी।

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