भारत में कोविड की नई लहर का खतरा, WHO की साउथ ईस्ट एशिया चीफ ने किया आगाह
देश में लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण कोविड संक्रमण की लहर दोबारा आने का खतरा बन सकता है। लोगों को समय से अपने कोविड खुराक को पूरा कर लेना चाहिए। कोविड वैक्सीन और कोविड दिशा-निर्देशों का पालन करके इससे बचा जा सकता है।
By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Sun, 09 Apr 2023 11:30 AM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। देश में एक बार फिर कोविड का प्रकोप बढ़ने लगा है। इसको लेकर सभी राज्यों की सरकार अलर्ट हो गई है। साथ ही, लगातार केन्द्र सरकार भी स्थिति पर नियंत्रण बनाए हुए है।
इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने जोर देकर कहा है कि हमारी देश की आबादी में प्रतिरोधक क्षमता के घटते स्तर से नई कोविड लहरें पैदा हो सकती हैं।
साथ ही, उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए भारत को उच्च टीका कवरेज के साथ-साथ एक मजबूत निगरानी की आवश्यकता है। फिलहाल, देश में कोविड मामलों में वृद्धि सी तरह नजर आ रही है जैसे 2022 की शुरुआत में ओमिक्रॉन लहर के दौरान आखिरी बार देखा गया था।
सितंबर 2022 के बाद फिर 6 हजार के पार हुए मामले
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने शनिवार को 6,155 ताजा कोविड -19 संक्रमण के मामले दर्ज किए, जबकि सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 31,194 हो गई। पिछले साल 16 सितंबर के बाद पहली बार दैनिक मामलों ने 6,000 का आंकड़ा पार किया है।
वहीं, इससे संक्रमित होकर कुल 14 लोगों की मृत्यु हुई है, जिसमें महाराष्ट्र में तीन, कर्नाटक और राजस्थान में दो-दो और दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और पंजाब में एक-एक मौत हुई है।
एजेंसी और एक्सपर्ट के साक्षात्कार का अंश
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए, डॉ. सिंह ने लोगों को बूस्टर वैक्सीन की खुराक लेने और संक्रमण में वृद्धि से निपटने के लिए कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इसको लेकर समाचार एजेंसी आईएएनएस ने एक्सपर्ट से बातचीत की, जिसके कुछ अंश हैं।आईएएनएस: क्या हम भारत में नई कोविड लहर की ओर बढ़ रहे हैं, क्योंकि वर्तमान में भारत के संक्रमण दर में एक बार फिर वृद्धि देखने को मिल रही है? एक्सपर्टपिछले छह महीनों से कई देशों में कोविड मामलों में वृद्धि देखने को मिली है, लेकिन इससे खतरा ज्यादा बढ़ नहीं है, क्योंकि इससे मृत्यु दर में बढ़ोतरी नहीं हुई। हालांकि, इन लहरों के पहले ज्यादा फैलने औक घातक होने की संभावना कम है क्योंकि लोगों ने कोविड वैक्सीन को लेकर सतर्क हो गए हैं और साथ ही, उनकी प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ी है। हमें खुद को और दूसरों को कोविड-19 से होने वाले जोखिम से बचाना चाहिए।
साथ ही, जैसे-जैसे रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती जाएगी, हमें संक्रमण के स्तर में बढ़ोतरीदेखनको मिलेगी।आईएएनएस: भारत में कोविड टीकों की दूसरी और तीसरी खुराक को अपनाना पहली खुराक की तुलना में बहुत कम रहा है। आपका क्या मत है? एक्सपर्ट: गंभीर बीमारी और मृत्यु को रोकने के लिए कोविड के खिलाफ हमारी लड़ाई में टीकाकरण एक महत्वपूर्ण उपकरण है। भारत अब तक 2.2 बिलियन से अधिक खुराक दे चुका है, जो देश के आकार को देखते हुए एक प्रभावशाली उपलब्धि है। हालांकि, वैक्सीन रोलआउट धीमी गति से शुरू हुआ, लेकिन भारत में अक्टूबर 2021 में देश में एक बिलियन खुराक को पार करने और जुलाई 2022 में रिकॉर्ड 18 महीनों में दो बिलियन का आंकड़ा पार करने के साथ गति पकड़ी।
आईएएनएस: हम बढ़ते संक्रमण से कैसे निपट सकते हैं? एक्सपर्ट: बुखार या लक्षण होने पर हमें अलग रहना चाहिए और डॉक्टरों की सलाह का पालन करना चाहिए। यहां तक कि बिना संक्रमण वाले व्यक्तियों को भी संक्रमण से बचना चाहिए। उन्हें सुरक्षित दूरी बनाए रखना, अच्छे हाथों और श्वसन स्वच्छता का अभ्यास करना, अच्छी तरह से फिट होने वाले मास्क पहनना और जहां संभव हो, भीड़भाड़ वाले और खराब हवादार स्थानों से बचना शामिल है।
आईएएनएस: क्या 11 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को टीका लगाया जाना चाहिए? एक्सपर्ट: बच्चों और किशोरों को आमतौर पर संक्रमण का कम जोखिम होता है और अगर वे संक्रमित हो जाते हैं, तो ज्यादातर मामलों में थोड़ी बहुत सर्दी-जुखाम होने की संभावना है। हालांकि, मोटापे वाले बच्चों और किशोरों को अधिक जोखिम होता है और उन्हें टीका लगाया जाना चाहिए और प्राथमिक श्रृंखला टीकाकरण और एक बूस्टर खुराक प्राप्त करना चाहिए।