ब्रिटिश काल के समय के पुल आज भी भारत में मौजूद, जानिए देश में 100 साल से अधिक पुराने ब्रिज की संख्या
देश में ऐसे कई पुल हैं जो 100 साल से भी ज्यादा पुराने हैं। इन पुल की समय-समय पर मरम्मत और रखरखाव भी किया जाता है ताकि इसकी मजबूती बनी रहे। देश में 200 नहीं बल्कि 38850 रेलवे पुल हैं जो 100 साल से भी अधिक पुराने हो गए हैं।
By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Sun, 06 Nov 2022 01:57 PM (IST)
नई दिल्ली, आइएएनएस। Railway bridges 100 years old: गुजरात के मोरबी जिले (Morbi Bridge Collapse) में हुई भयावह घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है। मोरबी जिले में पुल के ढहने के बाद से देश के पुराने पुलों की मजबूती पर अब सवाल खड़े हो रहे है।
भविष्य में फिर से ऐसी दुर्घटनाएं न हो इसके लिए देश में मौजूद 100 साल से अधिक पुराने पुलों की स्थिति की जांच करना काफी जरूरी है। मोरबी में मच्छू नदी पर जो पुल ढहा वो ब्रिटिश काल के समय से बना हुआ था। ये पुल झुलता पुल के नाम से काफी ज्यादा प्रसिद्ध था। नदी का नजारा देखने के लिए पुल पर चढ़ने के लिए लोगों से शुल्क लिया जाता था।
देश में 38,850 रेलवे पुल जो है 100 साल से अधिक पुराने
देश में ऐसे कई पुल हैं जो 100 साल से भी ज्यादा पुराने हैं। इन पुल की समय-समय पर मरम्मत और रखरखाव भी किया जाता है ताकि इसकी मजबूती बनी रहे। 13 दिसंबर, 2019 को राज्यसभा में केंद्र के आंकड़ों के अनुसार देश में 200 नहीं बल्कि 38,850 रेलवे पुल (railway bridges) हैं जो 100 साल से भी अधिक पुराने हो गए हैं।सरकार ने क्षेत्र के हिसाब से भी डेटा शेयर किया है जिसके अनुसार, सेंट्रल रेलवे के पास 4,346 पुल ऐसे हैं जो 100 साल से भी अधिक पुराने हैं। वहीं पूर्वी में 2,913 पुल, पूर्व मध्य में 4,754 और पूर्वी तट रेलवे में 924 ऐसे पुल हैं जो 100 साल से भी अधिक पुराने हैं।
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रेलवे पुल (railway bridges)की संख्या जो हैं 100 साल से अधिक पुराने
- उत्तर रेलवे - 8,767
- उत्तर मध्य रेलवे -2,281
- उत्तर पूर्व रेलवे -509
- पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे -219
- उत्तर पश्चिम रेलवे -985
- दक्षिणी रेलवे -2,493
- दक्षिण मध्य रेलवे -3,040
- दक्षिण पूर्व रेलवे -1,797
- दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे -875
- दक्षिण पश्चिम रेलवे -189
- पश्चिम रेलवे -2,866
- पश्चिम मध्य रेलवे -1,892
ओवर ओल रेटिंग नबंर के आधार पर किया जाता है पुल का निरीक्षण
वर्ष 2019 में पूर्व रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि रेलवे पुलों के निरीक्षण के लिए एक व्यवस्थित प्रक्रिया है। बता दें कि रेलवे साल में दो बार पुल का निरीक्षण करता है। पहला मानसून से पहले और दूसरा मानसून मौसम के बाद। जब पुलों का निरीक्षण हो जाता है तब हर पुल को एक समग्र रेटिंग संख्या यानि की ओवर ओल रेटिंग नबंर के आधार पर बांटा जाता है। इन नंबरों के आधार पर ही पुल का पुनर्निर्माण किया जाता है।
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