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Indian Railways: पूर्वोत्तर में रेलवे चीनी सीमा तक बिछाएगी पटरियां, सुरक्षा के नजरिये से होगा इनका महत्व

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने अरुणाचल प्रदेश समेत पूर्वोत्तर क्षेत्र में कुछ और नई रेलवे परियोजनाओं के निर्माण की योजना बनाई है। भालुकपोंग से तवांग सिलापाथर से अलांग वाया बामे तक एक नई रेलवे लाइन बनाने और मुरकोंगसेलेक से पासीघाट तक रेलवे लाइन का विस्तार करने की योजना है।

By AgencyEdited By: Arun kumar SinghUpdated: Thu, 10 Nov 2022 08:06 PM (IST)
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भारतीय रेलवे ने भूटान को जोड़ने के अलावा अरुणाचल प्रदेश, चीन की सीमा तक पटरियां बिछाने की योजना बनाई है।
गुवाहाटी, एएनआइ। देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में रेल नेटवर्क को मजबूत करने के लिए भारतीय रेलवे ने पड़ोसी देश भूटान को जोड़ने के अलावा अरुणाचल प्रदेश, सभी राज्यों की राजधानियों में चीन की सीमा तक पटरियां यानी रेलवे ट्रैक बिछाने की योजना बनाई है। भारतीय रेलवे चीन सीमा पर भालुकपोंग से तवांग तक और सिलपाथर से अलांग वाया बामे तक रेलवे लाइनों का निर्माण करेगी। बनकर तैयार होने के बाद सामरिक महत्व की होगी क्योंकि यह कम से कम समय में सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ेगी।

अरुणाचल प्रदेश समेत पूर्वोत्तर की राजधानियां रेल मार्ग से जुड़ेंगी

रेल मंत्रालय के अनुसार अरुणाचल प्रदेश में इन नई रेलवे परियोजनाओं का फाइनल लोकेशन सर्वे जोरों पर है।पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) सब्यसाची डे ने बताया कि पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने अरुणाचल प्रदेश समेत पूर्वोत्तर क्षेत्र में कुछ और नई रेलवे परियोजनाओं के निर्माण की योजना बनाई है। भालुकपोंग से तवांग, सिलापाथर से अलांग वाया बामे तक एक नई रेलवे लाइन बनाने और मुरकोंगसेलेक से पासीघाट तक रेलवे लाइन का विस्तार करने की योजना है।

भारतीय रेल पड़ोसी देश भूटान को भी रेलवे ट्रैक से जोड़ेगी

लंका से असम में चंद्रनाथपुर तक दूसरी रेलवे लाइन बनाने की योजना है जो असम के दीमा हसाओ जिले के पहाड़ी खंड में बाईपास होगा। इस साल की शुरुआत में बाढ़ और भूस्खलन के कारण दीमा हसाओ के कुछ हिस्से में रेलवे ट्रैक उखड़ गए थे, जिनकी युद्ध स्तर पर मरम्मत की गई है और अब पूरी तरह से काम कर रहे हैं। रेलवे की योजना पड़ोसी देश भूटान को भी जोड़ने की है। रेलवे के माध्यम से भूटान को जोड़ने की योजना बनाई गई है और नई रेलवे लाइन कोकराझार (असम में) से भूटान के गेलेफू तक होगी। यह नई रेलवे लाइन करीब 58 किमी लंबी होगी।

नगालैंड व सिक्किम की राजधानियां जुड़ेंगीं

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे सीपीआरओ ने कहा कि क्षेत्र में नई रेलवे परियोजनाओं का कुल खर्च करीब 1.15 लाख करोड़ रुपये है। इन परियोजनाओं का दायरा नई लाइनों, दोहरीकरण, स्टेशन विकास, विद्युतीकरण से लेकर है। कनेक्टिविटी परियोजनाएं पूरे जोरों पर चल रही हैं। मिजोरम और मणिपुर की राजधानियों को जोड़ा जा रहा है। एक वर्ष में नगालैंड और सिक्किम की राजधानियों से जुड़ सकेंगे। गुवाहाटी के लिए दो मुख्य लाइनें जो नई हैं बोंगाईगांव-रंगिया-कामाख्या, और न्यू बोंगाईगांव-गोलपारा-कामाख्या दोगुने हो रहे हैं। हमने विद्युतीकरण भी किया है, हम अब गुवाहाटी से आगे जा रहे हैं।

विश्वस्तरीय स्टेशन बनेंगे

लुमडिंग से तिनसुकिया तक लाइन को दोहरीकरण करने की भी योजना बनाई गई है। अगले साल के अंत तक पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे में पूरे रेलवे नेटवर्क को विद्युतीकृत करने की योजना बनाई है। इसके कुछ स्टेशनों कामाख्या, न्यू जलपाईगुड़ी, अगरतला, सिलचर और न्यू तिनसुकिया स्टेशनों को विश्व स्तरीय स्टेशनों के रूप में विकसित किया जाएगा। राजधानी स्टेशनों को भी विश्वस्तरीय स्टेशनों के रूप में विकसित किया जाएगा और इन स्टेशनों में उस स्थान की संस्कृति और इतिहास को प्रतिबिंबित करने का प्रयास होगा।

हाथी कारिडोर बनेंगे और सुरक्षित

पूर्वोत्तर मंडल में देश में सबसे अधिक हाथी कारिडोर हैं और इसने रेलवे लाइनों में जानवरों का पता लगाने के लिए 'घुसपैठ का पता लगाने वाली प्रणाली' नामक एक प्रणाली विकसित की है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे लाइनों में जानवरों का पता लगाने के लिए घुसपैठ का पता लगाने वाली प्रणाली शुरू करने तैयारी है। यह एक कृत्रिम बुद्धि आधारित आप्टिकल फाइबर सिस्टम है जिसमें हाथियों के रेलवे ट्रैक के पास आने का पता लगाने की क्षमता है।

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