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Indian Railways: ट्रेन में धूमपान पर हो सकती है जेल, शताब्दी स्पेशल के कोच में आग के बाद हरकत में आया रेल प्रशासन

13 मार्च को नई दिल्ली-देहरादून शताब्दी स्पेशल के कोच में आग लग गई थी। शुरुआती जांच में सामने आ रहा है कि डस्टबिन में जलती सिगरेट/बीड़ी फेंकने से आग लगी थी। ट्रेन में आग की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए रेलवे नियमों को सख्त करने पर विचार कर रहा है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Updated: Sat, 20 Mar 2021 10:36 PM (IST)
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नई दिल्ली-देहरादून शताब्दी स्पेशल के कोच में आग लग गई थी

नई दिल्ली, प्रेट्र : रेलवे ने ट्रेन में धूमपान करने वालों पर सख्ती की तैयारी की है। ऐसे लोगों के लिए भारी-भरकम जुर्माना और जेल का प्रावधान  किया जा सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही है।13 मार्च को नई दिल्ली-देहरादून शताब्दी स्पेशल के एस5 कोच में आग लग गई थी। मामले की शुरुआती जांच में सामने आ रहा है कि डस्टबिन में जलती सिगरेट/बीड़ी फेंकने से आग लगी थी। चलती ट्रेन में आग की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए रेलवे नियमों को सख्त करने पर विचार कर रहा है। अभी रेलवे कानून की धारा 167 के तहत ट्रेन में धूमपान करने वाले पर 100 रुपये के जुर्माने का प्रविधान है।

प्रारंभिक रिपोर्ट में डस्टबिन में जलती सिगरेट या बीड़ी फेंकने की बात आ रही सामने

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे बोर्ड के सदस्यों व विभिन्न जोन के प्रबंधकों के साथ बैठक में कहा था कि यात्रियों को ट्रेन में धूमपान न करने को लेकर संवेदनशील बनाने की दिशा में सक्रियता से कदम बढ़ाएं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि किसी व्यक्ति के धूमपान के कारण अन्य लोगों को खतरे में नहीं डाला जा सकता है। अधिकारी ने कहा कि ऐसे मामलों में गंभीर जुर्माने पर विचार किया जा रहा है। कुछ मामलों में रेलवे की सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने व गैरजिम्मेदारी के कारण अन्य लोगों का जीवन खतरे में डालने के लिए संबंधित व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया जा सकता है।

पार्सल में प्रतिबंधित वस्तुओं की बुकिंग की मनाही

लखनऊ शताब्दी में पार्सल वैन में आग लगी थी। आशंका व्यक्त की जा रही है कि पार्सल वैन में ज्वलनशील पदार्थ होने से आग तेजी से भड़की है। उसमें सैनिटाइजर और अन्य ज्वलनशील पदार्थ होने की बात कही जा रही है। इससे ट्रेनों से सामान भेजने की व्यवस्था पर सवाल खड़े होते हैं। पार्सल में प्रतिबंधित वस्तुओं की बुकिंग की मनाही है, लेकिन पैकेट की जांच की कोई व्यवस्था नहीं है। बगैर स्कैनिंग के सामान बुक कर ट्रेन में चढ़ा दिया जाता है। इसका फायदा असामाजिक तत्व उठा सकते हैं। कई बार प्रतिबंधित वस्तुएं बरामद भी हुई हैं।