Move to Jagran APP

Indian Railways: सफर के दौरान रेल यात्री जान सकेंगे कैसा है खाना, इस तकनीक का करें इस्तेमाल

रेलवे ने ट्रेनों में पेंट्रीकार की कमान आइआरसीटीसी के पास है। इसका संचालन कैसे करना है यात्रियों को खाने में क्या देना है और क्या नहीं यह आइआरसीटीसी ही निर्धारित करता है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Thu, 24 Oct 2019 07:34 AM (IST)Updated: Thu, 24 Oct 2019 07:53 AM (IST)
Indian Railways: सफर के दौरान रेल यात्री जान सकेंगे कैसा है खाना, इस तकनीक का करें इस्तेमाल

बिलासपुर, नईदुनिया । ट्रेनों में खानपान की व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए आइआरसीटीसी (इंडियन रेलवे कैटरिंग एवं टूरिज्म कार्पोरेशन) ने नई पहल की है। अब भोजन के हर पैकेट पर क्यूआर (क्विक रिस्पोंस) कोड होगा। इसे स्कैन करते ही यात्रियों के मोबाइल पर जानकारी मिल जाएगी कि भोजन किस बेस किचन में तैयार हुआ है। इसका लाइसेंस किसको मिला है और उसका संपर्क नंबर क्या है। इसके अलावा पैकेट का वजन भी देख सकेंगे।

रेलवे ने ट्रेनों में पेंट्रीकार की कमान आइआरसीटीसी के पास है। इसका संचालन कैसे करना है, यात्रियों को खाने में क्या देना है और क्या नहीं, यह आइआरसीटीसी ही निर्धारित करता है। संचालक को हर नियम-शर्तो का पालन करना अनिवार्य है। हालांकि, तमाम पुख्ता इंतजाम के बावजूद ट्रेन में न खानपान की क्वालिटी सुधर रही और न अतिरिक्त शुल्क की समस्या। इतना ही नहीं चावल, दाल, सब्जी सभी के वजन पर कैंची चलाई जाती है।

खाना खराब होने पर सीधे शिकायत कर सकते हैं यात्री

इसे रोकने के लिए आइआरसीटीसी हर संभव प्रयास कर रहा है। धीरे-धीरे ट्रेन में खाना पकाने के सिस्टम को खत्म किया जा रहा है। इसके बजाय निर्धारित स्थान पर सेंट्रल किचन स्थापित किए जा रहे हैं। बिलासपुर में जोनल स्टेशन के जनआहार केंद्र को इस किचन के रूप में तब्दील किया गया है। पारदर्शिता की इसी कड़ी में क्यूआर कोड की नई व्यवस्था को लागू किया गया है। इसके तहत अब चावल हो, दाल हो या फिर सब्जी, जब सेंट्रल किचन से निकलेगा तो उसकी पैकिंग पर क्यूआर कोड रहेगा। इससे यात्री सीधे नामजात शिकायत कर सकता है। साथ ही रसोई संचालक के मन में इस बात का डर रहेगा कि कहीं उसकी शिकायत न हो जाए।

क्लिक करते ही रसोई का लाइव वीडियो भी

क्यूआर कोड स्कैन के बाद खुलने वाले पेज पर एक किनारे में विकल्प का बटन भी दिया गया है। इसे क्लिक करते ही यात्री रसोई की लाइव मॉनिटरिंग कर सकते हैं। वह यह जान सकेंगे कि उनको खाना परोसने वाले किचन में सफाई व्यवस्था कितनी बेहतर है। यदि गंदगी या कर्मचारी टोपी-दस्ताने के बगैर खाना पका रहे हैं तब यात्री शिकायत कर सकते हैं।

आगामी दिनों में सभी ट्रेनों में जनआहार से खाना दिया जाएगा

आइआरसीटीसी एरिया मैनेजर राजेंद्र बोरबन ने बताया कि रेलवे बोर्ड के आदेश पर क्यूआर कोड की नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। बुधवार को इसका पहला दिन था। हालांकि, अभी जोनल स्टेशन से केवल एक ट्रेन हावड़ा- अहमदाबाद एक्सप्रेस में खाना दिया जा रहा है। आगामी दिनों में सभी ट्रेनों में जनआहार से खाना दिया जाएगा। उस स्थिति में क्यूआर कोड यात्रियों की सुविधा के लिए बेहतर साबित होगा।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.