अब लोग चाय की चुस्कियों के साथ नहीं पलटते अखबार के पन्ने, स्मार्टफोन बन गया पसंद; रिपोर्ट में हुए कई खुलासे
एक नई रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि भारत में डिजिटल समाचारों को लेकर रीडर्स की पसंद में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है। यह स्मार्टफोन के प्रयोग के कारण और इंटरनेट की व्यापक पहुंच के कारण हो रहा है।वहीं इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में मीडिया आउटलेट्स पर पाठक भरोसा नहीं करते हैं। पाठक खबरों को लेकर अनेक कारकों के कारण उसपर संदेह करते हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में डिजिटल इंडिया मुहिम का असर हर सेक्टर में दिखाई दे रहा है। डिजिटल पेमेंट करने में भारत ने विश्व में अपनी पहचान बना चुका है। बदलते समय के साथ भारत के पेमेंट से लेकर पढ़ने का तरीका अब डिजिटल मोड पर चला गया है। अब अखबार हो या किताबें लोग अपने स्मार्टफोन में पढ़ना ज्यादा पसंद करते हैं। डिजिटल मोड पर जाना अब लोगों के लाइफ स्टाइल में शामिल हो चुका है।
एक नए रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि जहां पहले लोग चाय की चुसकियों के साथ सुबह-सुबह अखबार के पन्ने पलटते नजर आते थे अब ये दौर खत्म हो चुका है लोग अब अपने फोन में डाउनलोड अलग-अलग एप से समाचार को पढ़ते हैं। वहीं अब समाचार को पढ़ने और न्यूज को जानने की अरुचि भी देखी गई है। एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि भारत में डिजिटल समाचार उपभोग में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है और यह बदलाव व्यापक इंटरनेट पहुंच और स्मार्टफोन के उपयोग से प्रेरित है।
डिजिटल चैनलों के प्रति बढ़ी रीडर्स की प्राथमिकता
रॉयटर्स इंस्टीट्यूट डिजिटल न्यूज रिपोर्ट 2024 में समाचारों तक पहुंचने के लिए ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म की ओर बदलाव को दर्शाया गया है, जो भारतीय दर्शकों के बीच डिजिटल चैनलों के प्रति बढ़ती प्राथमिकता को दर्शाता है। यह सर्वेक्षण इस साल जनवरी और फरवरी के बीच किया गया था।रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष:
डिजिटल समाचार उपभोग (Digital news consumption)
रिपोर्ट में समाचारों तक पहुंचने के लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म की ओर निरंतर बदलाव को उजागर किया गया है। भारत में, इंटरनेट की बढ़ती पहुंच और स्मार्टफ़ोन के उपयोग के कारण ज़्यादातर लोग पारंपरिक मीडिया चैनलों जैसे कि अख़बार या टेलीविज़न के बजाय ऑनलाइन समाचारों का उपभोग करने लगे हैं।सदस्यता और भुगतान मॉडल (Subscription and payment models)
रिपोर्ट से पता चलता है कि पिछले साल भारतीय उत्तरदाताओं के केवल एक छोटे से हिस्से (5%) ने ऑनलाइन समाचारों के लिए भुगतान किया है। यह दर्शाता है कि भारत में अधिकांश समाचार उपभोक्ता डिजिटल सामग्री तक मुफ़्त पहुंच पसंद करते हैं, जिससे मीडिया संगठनों के लिए अपने ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म से राजस्व उत्पन्न करना एक चुनौती बन गया है।