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जेल में टॉयलेट का पानी पीकर काटे दिन, 9 माह बाद नाइजीरिया से वतन वापसी पर भारतीय नाविकों ने बताई दर्दनाक कहानी

नाइजीरिया में 9 महीने तक हिरासत में रखे गए भारतीय नाविकों की वतन वापसी हो गई है। 9 माह बाद नाइजीरिया से वतन वापसी पर भारतीय नाविकों ने दर्दनाक कहानी बयां की। उन्होंने कहा कि जेल में टॉयलेट का पानी पीने के लिए उन्हें मजबूर किया गया।

By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Sun, 11 Jun 2023 04:05 PM (IST)
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9 माह बाद नाइजीरिया से वतन वापसी पर भारतीय नाविकों ने बताई दर्दनाक कहानी (फोटो एएनआइ)
कोच्चि, एजेंसी। नाइजीरिया में 9 महीने तक हिरासत में रखे गए भारतीय नाविकों की वतन वापसी हो गई है। केरल पहुंचते ही तीनों भारतीय नाविकों ने नाइजीरिया में बिताए वक्त को याद किया। नाविकों ने बताया कि कैद में रहने के दौरान उन्हें शौचालय का पानी पीने के लिए मजबूर किया गया था।

नाइजीरिया की कैद से रिहा हुए नाविक

बता दें कि जिन तीन नाविकों को नाइजीरिया में 9 महीने तक कैद में रखा गया था। उनमें कोच्चि के निवासी सानू जोसेफ, एक अन्य नाविक वी विजिथ और वीर इदुन शामिल थे। तीनों नाविकों ने मीडिया को बताया कि उन्हें जेल में शौचालय का पानी पीने के लिए मजबूर किया गया था।

नाविक ने भारत सरकार का जताया आभार

भारत लौटने वाले नाविकों में से एक सानू जोस ने वतन वापसी पर सरकार का आभार जताया। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआइ से बात करते हुए बताया कि मैं बहुत खुश हूं कि मैं अब अपने बच्चों के साथ घर पर हूं। इस बात को लेकर बहुत अनिश्चितता थी कि हमारे जीवन का क्या होगा और हमें बताया गया कि नाइजीरिया में हमारा जीवन समाप्त हो जाएगा, लेकिन मैं भारत और केरल सरकार सहित सभी को धन्यवाद देता हूं।

भारत सरकार ने रिहाई में निभाई अहम भूमिका

वहीं, एक अन्य नाविक वी विजिथ ने कहा कि भारत सरकार ने इस मामले में जबरदस्त प्रयास किया और उन्होंने सभी नाविकों को रिहा कराने का शानदार काम किया। यह हमारे लिए एक कठिन अनुभव था, लेकिन भारत सरकार ने हमें रिहा करने के लिए बहुत अच्छा काम किया। हमारे पासपोर्ट के मूल्य ने हमारी रिहाई में जबरदस्त भूमिका निभाई। मैं विदेश मंत्रालय और जी. बालासुब्रमण्यम, नाइजीरिया में भारत के उच्चायुक्त को धन्यवाद देना चाहता हूं।

नाविकों ने बयां किया अपना दर्द

नाविकों ने कहा कि उन्हें कैद में बहुत अधिक पीड़ा हुई और उनमें से कई मलेरिया बुखार के कारण बीमार पड़ गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। नाविकों ने कहा कि उन्होंने उम्मीद खो दी थी और कभी भी परिवार और दोस्तों को फिर से देखने की उम्मीद नहीं की थी।

क्या था नाविकों पर आरोप?

आरोप है कि जहाज के चालक दल ने नाइजीरियाई तेल टैंकरों से तेल की तस्करी की थी। नाइजीरियाई पुलिस ने जहाज और नाविकों को हिरासत में लिया था और कई महीनों तक वह उनकी हिरासत में रहे। हालांकि, भारत सरकार के साथ-साथ कई अन्य एजेंसियों ने मामले में हस्तक्षेप किया और नाविकों की रिहाई सुनिश्चित की। बता दें कि इस जहाज में कुल 26 चालक दल के सदस्य थे, इनमें से 16 भारतीय थे। उन्हें अगस्त 2022 में इक्वेटोरियल गिनी से हिरासत में लिया गया था, लेकिन बाद में नवंबर 2022 में नाइजीरिया ले जाया गया था।