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'भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में एलन मस्क जैसे उद्यमियों की जरूरत', इसरो प्रमुख बोले- व्यक्तिगत जुनून की आवश्यकता

इसरो प्रमुख एस.सोमनाथ ने भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी जगत की अधिक से अधिक भागीदारी का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हम अंतरिक्ष क्षेत्र में अधिक उद्योग के लोगों को देखना चाहते हैं। जैसे अमेरिका में एलन मस्क हैं। हमें यहां निवेश करने के लिए उनके जैसे किसी व्यक्ति की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राकेट डिजाइनिंग में लागत प्रभावशीलता पर काम किया जा रहा है।

By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 27 Sep 2023 10:05 PM (IST)
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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के प्रमुख एस. सोमनाथ (फाइल फोटो)
नई दिल्ली, आइएएनएस। इसरो प्रमुख एस.सोमनाथ ने बुधवार को भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी जगत की अधिक से अधिक भागीदारी का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि एलन मस्क की तरह ही भारत में भी अधिक से अधिक उद्योग जगत के लोगों को इसमें निवेश करना चाहिए।

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क्या कुछ बोले इसरो प्रमुख?

राष्ट्रीय राजधानी में एआइएमए के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए सोमनाथ ने कहा कि हम अंतरिक्ष क्षेत्र में अधिक उद्योग के लोगों को देखना चाहते हैं। जैसे अमेरिका में एलन मस्क हैं। हमें यहां निवेश करने के लिए उनके जैसे किसी व्यक्ति की आवश्यकता है। हालांकि, यह आसान क्षेत्र नहीं है। इसके लिए व्यक्तिगत जुनून की आवश्यकता है, असफलताएं मिलेंगी। इसलिए मेरी सलाह होगी कि ग्राउंड इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग जैसे एप्लिकेशन सेगमेंट में शुरुआत करें। उन्होंने कहा,

हमारा लक्ष्य भारत में अंतरिक्ष उपकरणों का अधिक से अधिक विनिर्माण देखना है। देश में कई उपकरण बनाए जाते हैं, यह इलेक्ट्रानिक्स क्षेत्र है, जहां चुनौतियां बनी हुई हैं। हमें अधिक उद्योग समर्थन की आवश्यकता है।

'वर्तमान समय में 53 उपग्रह हैं'

उन्होंने कहा कि राकेट डिजाइनिंग में लागत प्रभावशीलता पर काम किया जा रहा है, ताकि निजी संस्थाएं राकेट डिजाइन कर सकें। वर्तमान समय में 53 उपग्रह हैं, लेकिन अगर अंतरिक्ष क्षेत्र में विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनना चाहते हैं तो इसे कम से कम 500 होना चाहिए।

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साथ ही उन्होंने कहा कि विफलताएं अंतरिक्ष क्षेत्र का एक स्वाभाविक हिस्सा हैं, लेकिन इसरो में इसके लिए किसी को दंडित नहीं किया जाता है। यही कारण है कि यह विज्ञानियों को निर्णय लेने में नए ²ष्टिकोण अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।