भारतीय युद्धपोत ने अदन की खाड़ी में मालवाहक जहाज को पहुंचाई मदद, मिसाइल हमले के बाद लग गई थी आग
पलाऊ के झंडे वाले व्यापारिक जहाज एमवी आइलैंडर पर अदन की खाड़ी में मिसाइल हमले के बाद 22 फरवरी को आग लग गई थी। भारतीय नौसेना ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इसे सहायता पहुंचाई। नौसेना ने कहा कि संकट काल पर प्रतिक्रिया देते हुए नौसेना का विध्वंसक 22 फरवरी की दोपहर जहाज के आसपास पहुंचा। नौसेना ने सैनेटाइज कर जहाज को आगे यात्रा की मंजूरी दी।
पीटीआई, नई दिल्ली। पलाऊ के झंडे वाले व्यापारिक जहाज एमवी आइलैंडर पर अदन की खाड़ी में मिसाइल हमले के बाद 22 फरवरी को आग लग गई थी। भारतीय नौसेना ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इसे सहायता पहुंचाई। नौसेना ने कहा कि संकट काल पर प्रतिक्रिया देते हुए नौसेना का विध्वंसक 22 फरवरी की दोपहर जहाज के आसपास पहुंचा। यह घटना हाउती आतंकियों की ओर से लाल सागर में विभिन्न जहाजों पर किए जा रहे हमलों पर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच सामने आई है।
नौसेना की एक विस्फोटक आयुध निपटान (ईओडी) टीम ने मिसाइल हमले से किसी भी जोखिम से बचने के लिए इसे सैनेटाइज कर जहाज को आगे यात्रा की मंजूरी दी। सैन्य अधिकारियों ने कहा कि जहाज के क्रू सदस्यों में से एक को चोट लगी थी। नौसेना की डाक्टरों की टीम ने उसे सहायता प्रदान की। भारतीय नौसेना ने इस महीने की शुरुआत में सोमालिया के पूर्वी तट पर 11 ईरानी और आठ पाकिस्तानी नागरिकों के चालक दल के साथ एक ईरानी ध्वज वाले मछली पकड़ने वाले जहाज पर समुद्री डकैती के प्रयास को विफल कर दिया था।
जनवरी में एक भारतीय युद्धपोत ने सोमालिया के पूर्वी तट पर समुद्री डाकुओं द्वारा हमला किए जाने के बाद ईरानी ध्वज वाले मछली पकड़ने वाले जहाज के 19 पाकिस्तानी चालक दल के सदस्यों को बचाया था। नौसेना ने पांच जनवरी को उत्तरी अरब सागर में लाइबेरिया के झंडे वाले जहाज एमवी लीला नोरफोक के अपहरण के प्रयास को विफल कर दिया और उसके सभी चालक दल के सदस्यों को बचा लिया था।
18 मील तक फैली तेल की परत
अमेरिकी सेना ने शनिवार को कहा कि इस महीने बेलीज के झंडे वाले जहाज पर हाउती आतंकियों के हमले के बाद 18 मील (29 किलोमीटर) तक तेल की परत फैल गई। अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने कहा कि रूबीमार, ब्रिटिश-पंजीकृत, लेबनान द्वारा संचालित मालवाहक जहाज है, जिस पर 18 फरवरी को लाल सागर और अदन की खाड़ी को जोड़ने वाले बाब अल-मंडेब जलडमरूमध्य से गुजरते समय हमला किया गया था। जहाज 41,000 टन से अधिक उर्वरक लेकर बुल्गारिया जा रहा था।