Move to Jagran APP

Coronavirus in India भारतीय वैज्ञानिक का दावा, कोरोना वायरस से भारतीयों को घबराने की जरूरत नहीं

कोरोना को लेकर गगनदीप ने कहा कि इस समय सभी उपचार कारगर नहीं हैं लेकिन ये मददगार हैं। उन्होंने कहा कि पांच में से चार लोग अपने आप ही ठीक हो जाते हैं

By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Fri, 06 Mar 2020 07:57 AM (IST)
Coronavirus in India भारतीय वैज्ञानिक का दावा, कोरोना वायरस से भारतीयों को घबराने की जरूरत नहीं
नई दिल्ली, प्रेट्र। कोरोना वायरस से संक्रमित पांच में से चार लोग अपने आप ठीक हो जाते हैं और फिलहाल भारत के लोगों को वायरस के फैलने को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। पिछले साल रॉयल सोसाइटी ऑफ लंदन की सदस्य चुनी गयीं पहली भारतीय महिला वैज्ञानिक और क्रिश्चयन मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर गगनदीप कांग ने एक साक्षात्कार में कहा कि बीमारी की जांच भी सलाह दिये जाने के बाद ही करवानी चाहिए।भारत में भी कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़कर 30 हो गये हैं, जिनमें 16 इटली के पर्यटक भी शामिल हैं।

कोरोना वायरस से पांच में से चार लोग अपने आप ही हो जाते हैं ठीक 

कोरोना को लेकर गगनदीप ने कहा कि इस समय सभी उपचार कारगर नहीं हैं, लेकिन ये मददगार हैं। उन्होंने कहा कि पांच में से चार लोग अपने आप ही ठीक हो जाते हैं और ऐसे संक्रमितों को खांसी और बुखार के लिए केवल 'पेरासिटामोल' जैसी दवाएं ही काफी हैं। कांग ने कहा कि पांचवें आदमी को डॉक्टर को दिखाने अथवा अस्पताल में भर्ती करवाने की जरूरत पड़ सकती है। अगर आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो आपको जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाना चाहिए।'

कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं, बरतें ये सावधानियां

उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को घबराने या चिंता करने की जरूरत नहीं है। हम हर दिन कई तरह के वायरस के संपर्क में आते हैं। अपने हाथों को अच्छे से धोएं और फर्श पर भी कीटाणुनाशक का पोछा लगाएं। अपने चेहरे को छूने से बचें। कोरोना वायरस (सीओवी) असल में वायरसों का एक बड़ा परिवार है, जिसके चलते सामान्य जुकाम से लेकर सांस संबंधी गंभीर परेशानी हो सकती है।

संक्रमण की जांच के नतीजे आने में लगते हैं 12-24 घंटे का समय

उन्होंने कहा कि दुनियाभर में 90 हजार से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में लेकर तीन हजार से अधिक लोगों की जान लेने वाला कोरोना वायरस इससे पहले कभी नहीं देखा गया। नमूने लेने के बाद वायरस संक्रमण की जांच के नतीजे आने में करीब 12-24 घंटे का समय लगता है। कांग ने कहा कि इस समय देखने में आया है कि अन्य फ्लू के मुकाबले कोरोना से बच्चों में गंभीर बीमारी नहीं होती है।

बुजुर्गों को खास सतर्क रहने की जरूरत

उन्होंने बताया कि ये वायरस बुजुर्गों या फिर ऐसे लोगों में जो उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय संबंधित बीमारियों से ग्रसित हैं, के लिए खतरनाक है। कांग ने इस बात पर जोर दिया कि अगर किसी को लगता है कि वह कोरोना वायरस के संपर्क में आया है, तो उसे तुरंत जन स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचना देनी चाहिए।

अगले साल तक तैयार हो सकता है कोरोना का टीका

उन्होंने बताया कि वतर्मान में इस बीमारी से लड़ने के लिए कोई टीका नहीं है, लेकिन कई पर काम किया जा रहा है। अगर टीके को विकसित करने के प्रयास सही दिशा में जाते हैं, तो अगले साल तक टीका तैयार किया जा सकता है। कांग ने सलाह दी कि अगर आपको बुखार अथवा जुकाम है, तो बेहतर होगा कि आप घर से ही काम करें। उन्होंने बताया कि छींकने और खांसने वाले लोगों से करीब 10 फीट की दूरी पर रहें।