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Sanitation Survey-2023: इंदौर स्वच्छता के सातवें शिखर पर, सूरत भी रहा अव्वल; वाराणसी व प्रयागराज ने गंगा तटीय शहरों में मारी बाजी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को आठवें स्वच्छता सर्वेक्षण के आधार पर विजेताओं को पुरस्कृत किया। नवी मुंबई ने तीसरा और विशाखापत्तनम ने चौथा स्थान कायम रखा है। इंदौर और सूरत पिछले वर्ष पहले और दूसरे स्थान पर रहे थे लेकिन इस बार सूरत ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए मुकाबला टाई कर दिया। दोनों सेवन स्टार रेटिंग वाले शहर हैं।

By Jagran News Edited By: Babli Kumari Updated: Thu, 11 Jan 2024 07:36 PM (IST)
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इंदौर पहुंच गया है स्वच्छता के सातवें शिखर पर (फाइल फोटो)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इंदौर स्वच्छता के सातवें शिखर पर पहुंच गया है। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय की ओर से कराए गए स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 में इंदौर को शीर्ष स्थान सूरत के साथ साझा करने पर कुछ कसक रह सकती है, लेकिन लगातार सात वर्ष से चोटी पर बने रहना भी कोई सामान्य उपलब्धि नहीं है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को आठवें स्वच्छता सर्वेक्षण के आधार पर विजेताओं को पुरस्कृत किया।

नवी मुंबई ने तीसरा और विशाखापत्तनम ने चौथा स्थान कायम रखा है। इंदौर और सूरत पिछले वर्ष पहले और दूसरे स्थान पर रहे थे, लेकिन इस बार सूरत ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए मुकाबला टाई कर दिया। दोनों सेवन स्टार रेटिंग वाले शहर हैं। अगर पिछले वर्ष से तुलना की जाए तो शीर्ष चार स्थानों में कोई फेरबदल नहीं हुआ है, लेकिन भोपाल छठे स्थान से उठकर पांचवें नंबर पर आ गया।

स्वच्छता सर्वेक्षण में ये सभी राज्य रहे आगे 

विजयवाड़ा पिछले वर्ष पांचवें नंबर पर था, लेकिन इस बार वह छठे नंबर पर है। नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) पिछले वर्ष नौवें स्थान पर था, लेकिन इस बार उसे सातवां स्थान मिला है। सबसे स्वच्छ राज्य की श्रेणी में महाराष्ट्र ने मध्य प्रदेश को पछाड़कर पहला स्थान हासिल किया। छत्तीसगढ़ तीसरे नंबर पर रहा। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के दो-दो शहर सबसे साफ शहरों (एक लाख से अधिक आबादी वाले) की टाप-10 सूची में शामिल हैं।

चार हजार से अधिक निकायों के बीच हुआ कड़ा मुकाबला

इस बार सर्वेक्षण में चार हजार से अधिक निकायों के बीच कड़ा मुकाबला रहा। इस बार चयन के मापदंडों में वेस्ट टू वेल्थ का खासा जोर दिया गया और इंदौर ने एक बार फिर साबित किया कि वह नई-नई अपेक्षाओं के अनुरूप सुधार करने के लिए भी तैयार है। इंदौर के अधिकारियों ने कहा कि ¨सगल यूज प्लास्टिक पर सही मायने में पूर्ण प्रतिबंध ने इस चैलेंज में उसकी ख्याति कायम रखी है।

गंगा तटीय शहरों में स्वच्छता के पैमाने पर उत्तर प्रदेश ने अपना दबदबा कायम किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहले और प्रयागराज दूसरे स्थान पर है।

एक लाख से कम आबादी वाले शहरों में महाराष्ट्र अव्वल 

इनके अलावा टाप-5 में बिजनौर, हरिद्वार और कन्नौज भी हैं। एक लाख से कम आबादी वाले शहरों में महाराष्ट्र के सासवाड को पहला स्थान मिला। छत्तीसगढ़ का पाटन दूसरे और महाराष्ट्र का लोनावाला तीसरे स्थान पर रहा। सबसे स्वच्छ कैंटोनमेंट बोर्ड में मध्य प्रदेश स्थित महू को पहला स्थान मिला है। पुरस्कार वितरण समारोह में शहरी कार्य मंत्री हरदीप पुरी भी उपस्थित रहे।

12 करोड़ से अधिक नागरिकों ने इस सर्वे में लिया भाग 

सरकार ने दावा किया है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण है, जिसमें 4,447 शहरी स्थानीय निकायों ने भाग लिया और 12 करोड़ से अधिक नागरिकों ने इस सर्वे में अपनी प्रतिक्रिया दी। इस सर्वे की शुरुआत 2016 में हुई थी। तब इसमें केवल 73 बड़े शहरों ने भाग लिया था। ताजा रैं¨कग में कूड़े के ढेरों के निस्तारण, प्लास्टिक कचरे की सफाई, रिड्यूस, री-यूज और री-साइकिल के सिद्धांतों को प्राथमिकता दी गई है।

स्वच्छता में सबसे आगे शहर (एक लाख से अधिक आबादी)

1. इंदौर 1. सूरत 3. नवी मुंबई 4. विशाखापत्तनम 5. भोपाल 6. विजयवाड़ा 7. एनडीएमसी 8. तिरुपति 9. ग्रेटर हैदराबाद1 0. पुणे

राज्य शहरी स्थानीय निकायों की संख्या

महाराष्ट्र 411 मध्य प्रदेश 378 छत्तीसगढ़ 169 ओडिशा 114 तेलंगाना 142 आंध्र प्रदेश 124 पंजाब 163 गुजरात 164 उत्तर प्रदेश 651 तमिलनाडु 649

सबसे स्वच्छ गंगा टाउन

1. वाराणसी 2. प्रयागराज 3. बिजनौर 4. हरिद्वार 5. कन्नौज