'रोहिंग्याओं की घुसपैठ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा', असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा ने जताई चिंता
असम के बोंगाईगांव में आयोजित पुलिस अधीक्षकों के दो दिवसीय सम्मेलन के समापन पर सीएम बिस्वा सरमा ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा दलालों का एक नेटवर्क है जो रोहिंग्याओं को त्रिपुरा में लाते हैं वहां से असम के करीमगंज और फिर देश के बाकी हिस्सों में लाते हैं। सीएम ने कहा कि बांग्लादेश से रोहिंग्याओं की घुसपैठ खतरनाक है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।
By AgencyEdited By: Piyush KumarUpdated: Sun, 30 Jul 2023 12:21 AM (IST)
गुवाहाटी, पीटीआई। भारत में बांग्लादेश की सीमा पर प्रहरियों से बचते हुए रोहिंग्या मुसलमान असम के करीमगंज जिले में प्रवेश कर रहे हैं। इस घटना पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने चिंता जताते हुए शनिवार को कहा कि असम के करीमगंज जिले के माध्यम से बांग्लादेश से रोहिंग्याओं की घुसपैठ खतरनाक है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।
देश में दलालों का एक नेटवर्क काम कर रहा: सीएम
बोंगाईगांव जिले में आयोजित पुलिस अधीक्षकों के दो दिवसीय सम्मेलन के समापन पर सीएम बिस्वा सरमा ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, दलालों का एक नेटवर्क है जो रोहिंग्याओं को त्रिपुरा में लाते हैं, वहां से असम के करीमगंज और फिर देश के बाकी हिस्सों में लाते हैं।
असम के जरिए देश के अन्य हिस्सों में चले जाते हैं रोहिंग्या: हिमंत बिस्वा सरमा
उन्होंने कहा, "असम की पांच पुलिस टीमें फिलहाल त्रिपुरा में हैं और दलालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य सरकार के साथ काम कर रही हैं।" सरमा ने आगे कहा, स्थिति चिंताजनक है और बिना वैध कागजात के देश में अवैध रूप से प्रवेश करने वाला कोई भी व्यक्ति देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि इस मामले पर हमने त्रिपुरा सरकार के साथ-साथ केंद्रीय एजेंसियों से मदद मांगी है।'सीएम ने आगे कहा,"रोहिंग्या असम में नहीं रहते बल्कि देश के अन्य हिस्सों में चले जाते हैं।"
सीएम ने आगे कहा कि हमारी कोशिश है कि उन्हें देश देश में दाखिल करने से रोका जाए, न कि उन्हें गिरफ्तार किया जाए। सरमा ने कहा कि रोहिंग्या मुसलमानों की गिरफ्तारी के बाद वे जमानत ले लेंगे और देश के नागरिक बनने की कोशिश करेंगे।
सीएम ने घुसपैठ रोकने के लिए पुलिस से निगरानी बढ़ाने का किया आग्रह
मुख्यमंत्री ने कहा कि असम को अब रोहिंग्याओं द्वारा दिल्ली या कश्मीर जाने के लिए गलियारे के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है और डीजीपी ने पहले ही इस दिशा में कुछ कदम उठाए हैं, जबकि करीमगंज एसपी से कहा गया है घुसपैठ रोकने के लिए आवश्यक उपायों के साथ-साथ निगरानी भी बढ़ानी होगी।उन्होंने कहा कि बराक घाटी के सभी तीन जिलों को सक्रिय रहना चाहिए। रोहिंग्या घुसपैठियों, तस्करों और विद्रोहियों को दूसरे राज्यों में जाने के लिए असम को गलियारे के रूप में इस्तेमाल करने से रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाए जाने चाहिए।
उन्होंने बराक घाटी से लेकर असम की पश्चिमी सीमा तक सभी रेलवे स्टेशनों पर खुफिया जानकारी बढ़ाने का भी आह्वान किया, ताकि रोहिंग्याओं को रोका जा सके और उनके खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जा सके।