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कोरोना संकट के समय नक्सलियों की अमानवीय करतूत, नक्सली ग्रामीणों से वसूल रहे टैक्स

छत्तीसगढ़ में 11 सांसदों का एक साल का कार्यकाल पूरा हो गया है। इस एक साल में नगर निकाय और पंचायतों के चुनाव की अधिसूचना में कई महीने गुजर गए।

By Bhupendra SinghEdited By: Sat, 23 May 2020 05:33 PM (IST)
कोरोना संकट के समय नक्सलियों की अमानवीय करतूत, नक्सली ग्रामीणों से वसूल रहे टैक्स
कोरोना संकट के समय नक्सलियों की अमानवीय करतूत, नक्सली ग्रामीणों से वसूल रहे टैक्स

नारायणपुर, राज्य ब्यूरो। कोरोना संकट के समय नक्सलियों की अमानवीय करतूत सामने आई है। लॉकडाउन के कारण बाहरी तेंदूपत्ता ठेकेदारों के ना आ पाने से लेवी की वसूली नक्सली नहीं कर पाए। नकदी संकट से जूझ रहे नक्सलियों के अबूझमाड़ डिवीजन कमेटी ने अब गरीब आदिवासियों से टैक्स वसूली शुरू की है। वनोपज के बदले नक्सली किसी गांव में हर घर से 50 तो कहीं 60 रुपये की वसूली कर रहे हैं।

'न्याय' योजना में भाजपा नेताओं को मिले पैसे वाली सूची वायरल, गरगाई राजनीति

 छत्तीसगढ़ में किसानों के धान मूल्य की अंतर राशि की पहली किस्त राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत जारी की गई है। एक सूची वायरल हुई है. इस सूची में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, उनके पुत्र अभिषेक सिंह, पूर्व मंत्री पुन्नूलाल मोहले सहित एक दर्जन भाजपा दिग्गजों को न्याय योजना में मिले पैसे का जिक्र किया गया है। यह सूची सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेता जोरदार तरीके से वायरल कर रहे हैं, हालांकि सरकार इस सूची को जारी करने का खंडन कर रही है, लेकिन भाजपा नेता सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

पाक के सिंध प्रांत से विस्थापितों को भी रियायती दर पर मिलेगा जमीन का मालिकाना हक

सिंध प्रांत से विस्थापितों को छत्तीसगढ़ के कुछ गांवों-शहरों में बसाया गया है लेकिन भूमि का मालिकाना हक नहीं है। अब उन्हें जमीन का पट्टा दिया जाएगा लेकिन उन्हें जमीन की दर में किसी तरह का अतिरिक्त रियायत नहीं दी जाएगी। उनसे जमीन की प्रचलित गाइडलाइन दर पर दो फीसद शुल्क लिया जाएगा। इसको लेकर सरकार ने गाइड लाइन जारी की है।

छोटी बात पर हत्या के लिए बदनाम माडि़या जनजाति में दिख रहा सुधार

बस्तर जिले के कोडनार थाना क्षेत्र में माडि़या जनजाति की बहुलता है। यह जनजाति क्षणिक आवेश में हत्या जैसा नृशंस अपराध करने को लेकर बदनाम है। यहां एक बीड़ी न मिलने या रपये दो रपये के लिए भी हत्या हो जाना आम बात रही है। प्रसिद्घ मानव विज्ञानी वेरियर एल्विन ने माडि़या जनजाति की इस प्रवृत्ति पर शोध कर किताब लिखी है, माडि़या, मर्डर एंड सुसाइड। कोडनार थाने के रिकार्ड से पता चलता है कि यहां सालाना औसतन 17—18 हत्या के मामले दर्ज होते थे। हालांकि पिछले दो साल में इन आंकड़ों में कमी आई है। 2019-20 में हत्या के सिर्फ दो मामले दर्ज हुए हैं। इसमें एक नक्सल वारदात है। सामान्य हत्या का सिर्फ एक अपराध दर्ज हुआ है। इस थाना क्षेत्र में 42 गांव हैं, करीब 48 हजार आबादी वाला थाना क्षेत्र है।

स्थानीय चुनावों और कोरोना संकट में बीता सांसदों का एक वर्ष

छत्तीसगढ़ में 11 सांसदों का एक साल का कार्यकाल पूरा हो गया है। इस एक साल में राज्य में नगर निकाय और पंचायतों के चुनाव की अधिसूचना में कई महीने गुजर गए। इसके बाद कोरोना संकट में विकास कार्य प्रभावित हुए। अब सांसद इसकी भरपाई कैसे करेंगे, सांसदों ने अपने क्षेत्र के लिए क्या किया, किन मुद्दों पर फोकस रहे और भविष्य की क्या योजनाएं हैं, इस पर बातचीत करके रिपोर्ट बनाई जाएगी। प्रदेश में भाजपा के नौ और कांग्रेस के दो सांसद हैं। जांजगीर सांसद गुहाराम अगले को छोड़कर सभी सांसद पहली बार लोकसभा पहुंचे हैं।

कोरोना मीटर छत्तीसगढ़

नए केस-        शून्य

कुल संक्रमित- 172

ठीक हुए-         62

एक्टिव-         110

मौत —         शून्य।