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'भविष्य में दुनिया के लिए जहाज निर्माण करेंगे', INS Mormugao के सेना में शामिल होने पर बोले राजनाथ सिंह

INS Mormugao आईएनएस मोरमुगाओ को रविवार को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। आईएनएस मोरमुगाओ को सेना में शामिल किए जाने पर राजनाथ सिंह ने कहा कि इससे भारत की समुद्री ताकत मजबूत होगी। INS मोरमुगाओ दुनिया के सबसे तकनीकी रूप से उन्नत मिसाइल वाहकों में से एक है।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Sun, 18 Dec 2022 03:57 PM (IST)
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'भविष्य में दुनिया के लिए जहाज निर्माण करेंगे', INS Mormugao के सेना में शामिल होने पर बोले राजनाथ सिंह
मुंबई, एजेंसी। INS Mormugao: स्वदेश निर्मित मिसाइल 'आईएनएस मोरमुगाओ' (INS Mormugao) को रविवार को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। इसी को देखते हुए मुंबई में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत उपस्थित रहे।

आईएनएस मोरमुगाओ' को सेना में शामिल किए जाने पर राजनाथ सिंह ने कहा कि इससे भारत की समुद्री ताकत मजबूत होगी। उन्होंने कहा, 'आईएनएस मोरमुगाओ भारत में बने सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक है, यह भारतीय समुद्री क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा। INS मोरमुगाओ दुनिया के सबसे तकनीकी रूप से उन्नत मिसाइल वाहकों में से एक है।'

भविष्य की जरूरतों को करेगा पूरा

राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम में कहा कि आईएनएस मोरमुगाओ की प्रणालियां न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य की जरूरतों को भी पूरा करने में सक्षम होंगी। यह हमारी स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमता का भी एक उदाहरण है और भविष्य में भारत भी दुनिया के लिए जहाज निर्माण करेंगे।

पश्चिमी तट पर गोवा के ऐतिहासिक बंदरगाह शहर के नाम पर नामित, मोरमुगाओ ने 19 दिसंबर 21 को अपनी पहली समुद्री उड़ान भरी, जब गोवा ने पुर्तगाली शासन से 60 साल की मुक्ति का जश्न मनाया था। बता दें कि इसकी डिजाइन भारतीय नौसेना के स्वदेशी संगठन ने तैयार किया है और निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने किया है।

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आईएनएस मोरमुगाओ (INS Mormugao)

भारतीय नौसेना के अनुसार, आईएनएस मोरमुगाओ युद्धपोत दूरसंवेदी उपकरणों, आधुनिक रडार और सतह से सतह पर वार करने वाली मिसाइल है। ये सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल जैसी हथियार प्रणालियों से भी लैस है। नौसेना ने बताया कि इस युद्धपोत की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर तथा वजन 7,400 टन है। बता दें कि ये मिसाइल 'विशाखापत्तनम' श्रेणी के चार विध्वंसकों में से दूसरा विध्वंसक है।

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