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ईरान के चाबहार बंदरगाह के लिए 100 करोड़ आवंटित, विदेश मंत्रालय को अंतरिम बजट में मिला 22154 करोड़ रुपये

वित्त वर्ष 2024-25 के लिए गुरुवार को संसद में पेश अंतरिम बजट में विदेश मंत्रालय को कुल 22154 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। पिछले साल उसका परिव्यय 18050 करोड़ रुपये था। ईरान के साथ संपर्क परियोजनाओं पर भारत के फोकस को रेखांकित करते हुए चाबहार बंदरगाह के लिए आवंटन 100 करोड़ रुपये रखा गया है। इसके अलावा भारत के पड़ोसी देशों के लिए भी बजट आवंटित हुए हैं।

By Jagran News Edited By: Devshanker Chovdhary Updated: Fri, 02 Feb 2024 03:00 AM (IST)
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चाबहार बंदरगाह के लिए आवंटन 100 करोड़ रुपये रखा गया है। (फाइल फोटो)
पीटीआई, नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए गुरुवार को संसद में पेश अंतरिम बजट में विदेश मंत्रालय को कुल 22,154 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। पिछले साल उसका परिव्यय 18,050 करोड़ रुपये था। ईरान के साथ संपर्क परियोजनाओं पर भारत के फोकस को रेखांकित करते हुए, चाबहार बंदरगाह के लिए आवंटन 100 करोड़ रुपये रखा गया है।

भारत की 'पड़ोस पहले' नीति के अनुरूप, 2,068 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ 'सहायता मद' का सबसे बड़ा हिस्सा भूटान को दिया गया है। 2023-24 में हिमालयी राष्ट्र के लिए विकास परिव्यय 2,400 करोड़ रुपये था।

बजट दस्तावेजों के अनुसार, मालदीव की विकास सहायता पिछले साल के 770 करोड़ रुपये के मुकाबले इस साल 600 करोड़ रुपये रखी गई है। अफगानिस्तान के लोगों के साथ भारत के विशेष संबंध कायम रखते हुए, उसके लिए 200 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता निर्धारित की गई है। बांग्लादेश को विकास सहायता के तहत 120 करोड़ रुपये जबकि नेपाल को 700 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।

बजट दस्तावेजों के अनुसार, श्रीलंका को 75 करोड़ रुपये की विकास सहायता मिलेगी जबकि मॉरीशस के लिए 370 करोड़ रुपये तथा म्यांमार के लिए 250 करोड़ रुपये की विकास सहायता राशि तय की गई है। अफ्रीकी देशों के लिए 200 करोड़ रुपये की सहायता राशि अलग रखी गई है। लैटिन अमेरिकी और यूरेशियाई देशों और क्षेत्रों के लिए कुल विकास सहायता 4,883 करोड़ रुपये तय की गई है।