Manipur Violence: मणिपुर में थम नहीं रही हिंसा, फिर बढ़ी इंटरनेट पर लगी रोक; 5 जुलाई तक रहेगा प्रतिबंध
मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। इसी बीच शांति बहाल करने के उद्देश्य के चलते राज्य सरकार ने इंटरनेट सेवाओं पर लगी रोक की मियाद को एक बार फिर से बढ़ा दिया। बता दें कि जातीय झड़पों और हिंसा से प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य में इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध 5 जुलाई को दोपहर 3 बजे तक के लिए बढ़ाया गया।
By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Fri, 30 Jun 2023 05:57 PM (IST)
इंफाल, एजेंसी। मणिपुर के हालात थमने का नाम नहीं ले रहे हैं और तो और मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के इस्तीफे की अफवाह भी फैल गई, लेकिन उन्होंने एक बयान जारी करते हुए तमाम अटकलों को विराम दे दिया। इस बीच, मणिपुर में इंटरनेट प्रतिबंध की मियाद बढ़ा दी गई।
कब तक बंद रहेगा इंटरनेट?
मणिपुर की मौजूदा स्थिति को देखते हुए एक बार फिर से इंटरनेट सेवाओं पर लगे प्रतिबंध की मियाद को बढ़ा दिया गया है। इसी के साथ ही 5 जुलाई की दोपहर 3 बजे तक इंटरनेट सेवाओं पर लगी रोक को बढ़ाया गया।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, जातीय झड़पों और हिंसा से प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य में इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध 5 जुलाई को दोपहर 3 बजे तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
Manipur government further extends the ban on internet services in the State till 1500 hours of 5th July, 2023. pic.twitter.com/cYFzn5IRbB
— ANI (@ANI) June 30, 2023
तो इस वजह से बढ़ाया गया 'इंटरनेट प्रतिबंध'
बयान के मुताबिक, ऐसी आशंकाएं हैं कि कुछ असामाजिक तत्व जनता की भावनाएं भड़काने वाली तस्वीरें, नफरती भाषण और नफरत से लवरेज वीडियो संदेश प्रसारित करने के लिए बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसी वजह से इंटरनेट पर लगे प्रतिबंध को बढ़ाया गया है।
मुख्यमंत्री ने क्या कुछ कहा?
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने इस्तीफे की अटकलों पर विराम लगाते हुए एक ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि इस कठिन समय में मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दूंगा।अबतक कितने लोगों की हुई मौत?
गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच लगभग दो महीने से हिंसा भड़की हुई है। जिसकी वजह से 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'जनजातीय एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद तीन मई को पहली बार झड़पें हुईं थीं और बीते दिनों एक बार फिर से गोलीबारी की घटना सामने आई।