विकास के लिए कृषि क्षेत्र में निवेश की जरूरत, सरकार खेती को सरल बनाने के लिए प्रतिबद्ध: शिवराज
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करने स्टार्टअप को बढ़ावा देने और तकनीक के उपयोग से खेती को सरल बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। एमपी के पूर्व सीएम ने मंगलवार को एग्रीश्योर निधि एवं कृषि निवेश पोर्टल की शुरुआत भी की। उन्होंने खेती में इवेट निवेश की भी जरूरत बताई।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कृषि क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करने, स्टार्टअप को बढ़ावा देने और तकनीक के उपयोग से खेती को सरल बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। हाल के वर्षों में खाद्यान्न का कण-कण बचाने के लिए फसल कटाई के बाद प्रबंधन, पैकेजिंग, परिवहन एवं भंडारण व्यवस्था के विस्तार पर भी फोकस बढ़ाया गया है।
एग्रीश्योर निधि एवं कृषि निवेश पोर्टल की शुरुआत
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को 750 करोड़ रुपये की एग्रीश्योर निधि एवं कृषि निवेश पोर्टल की शुरुआत की। उन्होंने खेती में सिर्फ सरकारी ही नहीं, बल्कि प्राइवेट निवेश की भी जरूरत बताई और कहा कि कृषि निवेश पोर्टल के जरिए यह संभव हो सकेगा। एग्रीश्योर निधि में नाबार्ड एवं कृषि मंत्रालय दोनों 250-250 करोड़ रुपये देंगे। शेष अन्य संस्थानों से मिलेगा। इस फंड से उपज मूल्य श्रृंखला बढ़ाने, बुनियादी ढांचे का निर्माण, रोजगार सृजन एवं किसान उत्पादक संगठनों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी और रामनाथ ठाकुर भी मौजूद थे। शिवराज ने खेती के पुराने तरीके को बदलने और जैविक खेती की ओर बढ़ने के लिए किसानों को प्रेरित किया और कहा कि रासायनिक खाद के उपयोग से उर्वरा क्षमता कम हो रही है और उत्पादन तथा मानव शरीर पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
6 सूत्र पर हो रहा काम
शिवराज ने कहा कि कृषि विकास के लिए छह सूत्र पर काम किया जा रहा है। उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने 65 फसलों के बीजों की 109 प्रजातियां किसानों को समर्पित की हैं। चावल की एक किस्म ऐसी है जिसे 30 प्रतिशत कम पानी की जरूरत होती है। बाजरा की एक किस्म ऐसी है जो 70 दिन में तैयार हो जाती है। बढ़ते तापमान में भी बेहतर उत्पादन देते हैं। उत्पादन की लागत कम करना और उपज का सही मूल्य दिलाना भी प्राथमिकता है।
कृषि का विविधीकरण सरकार के रोडमैप में है और परंपरागत के साथ अधिक आय वाली फसलों को बढ़ावा देने में कसर नहीं छोड़ेंगे। शिवराज ने कहा कि देश की जीडीपी में 18 प्रतिशत योगदान कृषि का है। किसान सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है। 50 प्रतिशत से ज्यादा लोग खेती पर निर्भर हैं। खेती की लागत कम करने का प्रयास किया जा रहा है। अलग-अलग तरह की कृषि पद्धतियों में लागत कम करने के लिए ही सब्सिडी बैंकों को दी जा रही है।