'हमास हमले में साफ तौर से ईरान का हाथ', इजरायली राजदूत बोले- लड़ाकों को प्रशिक्षित करने में कर रहा मदद
भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने गुरुवार को कहा कि हमास की ओर से किए गए हमले में साफ तौर पर ईरान का हाथ है। गिलोन ने यह भी कहा कि इस युद्ध का परिणाम अतीत में की गई किसी भी अन्य कार्रवाई से मेल नहीं खाएगा। उन्होंने इजरायली सेना के दावे को दोहराया कि युद्ध के अंत में हमास के पास कोई सैन्य क्षमता नहीं बचेगा।
एएनआइ, नई दिल्ली। भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने गुरुवार को कहा कि हमास की ओर से किए गए हमले में साफ तौर पर ईरान का हाथ है। उन्होंने कहा कि हम योजना के बारे में निश्चित नहीं हैं, लेकिन लड़ाके तैयार करने और उन्हें प्रशिक्षित करने में ईरान हमास की मदद कर रहा है।
गिलोन ने यह भी कहा कि इस युद्ध का परिणाम अतीत में की गई किसी भी अन्य कार्रवाई से मेल नहीं खाएगा। उन्होंने इजरायली सेना के दावे को दोहराया कि युद्ध के अंत में हमास के पास कोई सैन्य क्षमता नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि यह अतीत में हुए किसी भी मुकाबले से अलग है। यहां अंतिम स्थिति अतीत से पूरी तरह से अलग होगी। हमें यह सुनिश्चित करना होगा ऐसा दोबारा न हो।
क्या कुछ बोले नाओर गिलोन?
यह पूछे जाने पर कि क्या जमीनी बलों को भी वहां भेजा जाएगा, नाओर ने कहा कि अभी यह देखा जाना बाकी है। मैं चाहता हूं कि इस संबंध में प्रतिद्वंद्वी को कोई खबर न हो। इस बीच एक्स पोस्ट में इजरायली रक्षा बलों ने कहा कि हमास इजरायली बच्चों, महिलाओं और पुरुषों का नरसंहार करने के लिए आइएस के झंडे लेकर आया था।
हमले में इस्लामिक स्टेट की संभावित संलिप्तता पर नाओर गिलोन ने कहा कि लोगों को भयानक तरीकों से मारना, बिना दया पूरे परिवारों को प्रताड़ित करना। यह बिल्कुल दाएश है।
भारतीय समर्थन की सराहना
मुश्किल भरे वक्त में भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समर्थन की नाओर गिलोन ने सराहना की। उन्होंने कहा कि इतने सारे भारतीयों ने इजरायल का समर्थन किया है कि वे इनकी मदद से इजरायल रक्षा बल (IDF) की एक और इकाई बना सकते हैं। उन्होंने आतंकी हमले की स्पष्ट निंदा करने वाले पहले वैश्विक नेताओं में से एक होने के लिए पीएम मोदी की सराहना की। यह बहुत भावनात्मक है।
उन्होंने कहा कि शनिवार को जब पूरी तस्वीर स्पष्ट नहीं थी उस समय जिस तरह का समर्थन हमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिला उसे हम कभी नहीं भूलेंगे। उन्होंने उन लोगों की कड़ी आलोचना की जो हमास हमले को औचित्य प्रदान करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा,
इतने लोगों की हत्या का कोई संदर्भ नहीं हो सकता और जो लोग ऐसा करने में शामिल हैं वे आतंकवादियों का समर्थन कर रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि यह हमले इजरायल, सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों के बीच अशांति फैलाने का प्रयास है। वे नहीं चाहते थे कि इजरायल, सऊदी अरब करीब आएं। हमलों का उद्देश्य अब्राहम समझौते और आइ2यू2 समूह द्वारा स्थापित संबंधों को बाधित करना भी था।