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IRTS Officers Graft Case: CBI ने भ्रष्टाचार मामले में तीन आईआरटीएस अधिकारियों सहित पांच लोगों को किया गिरफ्तार

एक निजी कंपनी के निदेशक ने गिरफ्तार किये गए लोगों पर आरोप लगाया कि आरोपी माल लदान के लिए रेलवे रैक के अधिमान्य आवंटन के लिए पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) के विक्रेताओं से अवैध रूप से रिश्वत लेते थे।

By Shashank_MishraEdited By: Updated: Mon, 01 Aug 2022 11:57 PM (IST)
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सीबीआई ने रिश्वत मामले में आईआरटीएस के तीन अधिकारियों सहित पांच लोगों को किया गिरफ्तार। (फोटो-एएनआइ)
नई दिल्ली, एजेंसियां। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को रिश्वत मामले में भारतीय रेलवे यातायात सेवा (आईआरटीएस) के तीन अधिकारियों सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया । गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान संजय कुमार, (आईआरटीएस 1996), बिहार में पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य माल परिवहन प्रबंधक (सीएफटीएम) के रूप में हुई है; रूपेश कुमार, आईआरटीएस-2011, सीनियर डोम, समस्तीपुर, पूर्व मध्य रेलवे, सचिन मिश्रा, आईआरटीएस-2011, सीनियर डोम, सोनपुर, ईसी रेलवे; मेसर्स आभा एग्रो इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के नवल लधा; पश्चिम बंगाल के देश बंधु पारा में मेसर्स आभा एग्रो इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के मनोज लढा और मनोज कुमार साहा। सीबीआई ने बताया कि 31 जुलाई को एक मुख्य माल परिवहन प्रबंधक (आईआरटीएस-1996), पूर्व मध्य रेलवे, (ईसीआर), हाजीपुर और दो वरिष्ठ डोम, समस्तीपुर, सोनपुर, दोनों ईसी रेलवे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। एक निजी कंपनी के निदेशक ने लोगों पर आरोप लगाया कि आरोपी माल लदान के लिए रेलवे रैक के अधिमान्य आवंटन के लिए पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) के विक्रेताओं से अवैध रूप से रिश्वत लेते थे।

कोलकाता स्थित एक निजी कंपनी के निदेशक पूर्व मध्य रेलवे के लोक सेवकों के साथ एक सुनियोजित साजिश के अनुसार, नियमित रूप से रेलवे रैक सेवाओं के प्राथमिकता आवंटन का लाभ उठाते हैं, जिसमें उनकी फर्म के लिए अतिरिक्त स्टैकिंग समय होता है और उक्त लोक सेवकों को मासिक आधार पर भारी रिश्वत के भुगतान किया जाता है। यह भी आरोप लगाया गया कि 23.5 लाख (लगभग) ईसीआर के विभिन्न अधिकारियों को वितरित किए जाने हैं।

सीबीआई ने रिश्वत लेते हुए पकड़ा

सीबीआई ने जाल बिछाया और सीएफटीएम (लोक सेवक) को छह लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा। रिश्वत देने वाला भी पकड़ा गया। बाद में तीन अन्य आरोपितों को पकड़ लिया गया। पटना, सोनपुर, हाजीपुर, समस्तीपुर, कोलकाता आदि सहित 16 स्थानों पर तलाशी ली गई, जिसमें विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और रु. 46.50 लाख (लगभग) रुपये सहित। कोलकाता के एक व्यवसायी से 29 लाख (लगभग) एक एसयूवी कार भी बरामद की गई, जिसमें ईसीआर के विभिन्न अधिकारियों को दी जाने वाली उक्त नकदी वाले छह लिफाफे भी बरामद किए गए। गिरफ्तार आरोपियों को सक्षम न्यायालय में पेश किया जा रहा है।