क्या पढ़ाई का प्रेशर ले रहा कोटा में छात्रों की जान? डॉक्टर-इंजीनियर बनाने वाले कोचिंग हब में ये क्या हो रहा?
Suicides In Kota प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र दिन-रात बस एक ही सपना देखते हैं कि उनका परीक्षा में चयन हो जाए। अपनों की उम्मीदों और उनके विश्वास पर खरा उतरने के लिए छात्र अपने मन और मस्तिष्क में जाने-अंजाने में एक प्रेशर बना लेते हैं। बहुत से ऐसे छात्र हैं जो इस मेंटल प्रेशर को नहीं समझ पाते और नकरात्मक हो जातें हैं।
By Ashisha Singh RajputEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Wed, 28 Jun 2023 09:23 PM (IST)
नई दिल्ली, आशिषा सिंह राजपूत। Suicides In Kota : हर मां-बाप का सपना होता है उनका बच्चा पढ़-लिखकर बड़ा आदमी बने और समाज में उनका नाम रोशन करें। इसके लिए परिजन दिन-रात मेहनत करते हैं। बच्चों को उनकी हर जरूरत पूरी करने और उन्हें अच्छी शिक्षा देने के लिए मां- बाप हर मुमकिन प्रयास करते हैं।
छात्रों के सपनों का शहर
प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग का गढ़ कहा जाने वाला राजस्थान का कोटा शहर लाखों बच्चों और उनके मां-बाप के सपनों को पूरा करने वाला एक खास रास्ता है। कोटा (kota) प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग संस्थानों वाली मशहूर जगह है। इस शहर की हवाओं में पढ़ाई की महक आती है, जहां तक नजरे जाती हैं वहां तक छात्र ही छात्र दिखाई देते हैं।
जटिल पढ़ाई के बीच मस्तिष्क में घातक प्रेशर
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र दिन-रात बस एक ही सपना देखते हैं कि उनका परीक्षा में चयन हो जाए। अपनों की उम्मीदों और उनके विश्वास पर खरा उतरने के लिए छात्र अपने मन और मस्तिष्क में जाने-अंजाने में एक प्रेशर बना लेते हैं। कई छात्रों के लिए यह प्रेशर बहुत कारगर साबित होता है और वे इसे साकारत्मक रूप देते हुए अपनी मंजिल तक पहुंच जाते हैं।
वहीं, बहुत से ऐसे छात्र हैं, जो इस मेंटल प्रेशर को नहीं समझ पाते और नकरात्मक हो जातें हैं। इसकी वजह से ना सिर्फ वे कई बार गलत रास्ता पकड़ लेते हैं बल्कि अपनी जिन्दगी तक खत्म कर देते हैं। कोटा शहर में छात्रों की आत्महत्या का मुद्दा एक जटिल और दुखद घटना है।