ISIS Module Case: रोज वाटर और शरबत से बम बनाकर देश दहलाने की थी साजिश, NIA की चार्जशीट में कई बड़े खुलासे
एनआईए ने चार्जशीट में यह भी बताया कि आरोपित ने बम बनाने की ट्रेनिंग में यह भी सिखाया कि कैसे सल्फ्यूरिक एसिड ऐसिटोन हाइड्रोजन पाइरोक्साइड का इस्तेमाल किया जाए। उसे इस्तेमाल करते समय 0-10 डिग्री तक तापमान रखा जाए और डेटोनेटर के लिए बल्ब या फिर माचिस की तीली के पाउडर का इस्तेमाल किया जाए। एनआइए ने यह चार्जशीट सात आरोपियों के खिलाफ दायर की है।
जेएनएन, मुंबई। पुणे आईएस आतंकी मॉड्यूल मामले की जांच कर रही एनआईए की चार्जशीट में कई अहम बातें सामने आई है। एनआइए ने यह चार्जशीट सात आरोपियों के खिलाफ दायर की है। इनके नाम मोहम्मद इमरान मोहम्मद यूसुफ खान, मोहम्मद यूनुस मोहम्मद याकूब साकी, कादिर पठान, सीमाब काजी, जुल्फिकार बड़ोदावाला, शामिल नाचन और आकिफ नाचन हैं।
आतंकी साजिश को अंजाम देने के लिए मीटिंग
एनआईए ने बताया कि आरोपित मोहम्मद नाम के वांछित आरोपित के संपर्क में थे और अपनी आतंकी साजिश को अंजाम देने के लिए पुणे के डोपडेव घाट में स्थित कादिर पठान के घर मीटिंग करते थे। इस मीटिंग के दौरान आरोपित कई लोगों को भर्ती करने की प्लानिंग करते थे, कैसे भर्ती किया जाए इस पर भी चर्चा करते थे। भारत में एक बड़े आतंकी हमले की योजना बना रहे थे।
ट्रेनिंग कैंप में बनाया वीडियो
एनआईए में आगे बताया कि आरोपित आकिफ नाचन फरवरी 2022 में मध्य प्रदेश के रतलाम में आइईडी कैसे बयाना जाए, इसकी ट्रेनिंग लिया था। उस ट्रेनिंग शिविर में कई लोग मौजूद थे और किसी को शक ना हो इस वजह से यह पूरी ट्रेनिंग ही इमरान नाम के शख्स के पोल्ट्री फार्म में दी जाती थी। उसने इस ट्रेनिंग कैंप में वीडियो भी बनाया था, जो एनआइए ने रिकवर किया है। आकिफ ने वहां सीखा कि कैसे अलग-अलग केमिकल का इस्तेमाल कर बम बनाया जाता है और उस बम को सक्रिय करने के लिए कैसे बल्ब का इस्तेमाल किया जाता है।
माचिस की तीली के पाउडर का इस्तेमाल
एनआईए ने चार्जशीट में यह भी बताया कि आरोपित ने बम बनाने की ट्रेनिंग में यह भी सिखाया कि कैसे सल्फ्यूरिक एसिड, ऐसिटोन, हाइड्रोजन पाइरोक्साइड का इस्तेमाल किया जाए। उसे इस्तेमाल करते समय 0-10 डिग्री तक तापमान रखा जाए और डेटोनेटर के लिए बल्ब या फिर माचिस की तीली के पाउडर का इस्तेमाल किया जाए।
एनआईए ने चार्जशीट में बताया कि बम बनाने की तकनीक या फिर केमिकल से जुड़ी बातचीत का किसी को पता ना चले, इसलिए आरोपितों में केमिकल को कोडवर्ड दिया था। जैसे की सल्फ्यूरिक एसिड के लिए सिरका, एसीटोन के लिए रोज वाटर और हाइड्रोजन पेराक्साइड के लिए शरबत कोड का इस्तेमाल किया जाता था। जांच के दौरान एनआइए ने पाया कि आरोपित मोटरसाइकिल का इस्तेमाल कर महत्वपूर्ण क्षेत्रों की रेकी किया करते थे।
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