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राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन भाजपा कार्यालय को उड़ाने की थी साजिश, NIA ने किया बड़ा खुलासा

Rameshwaram Cafe Blast chargesheet एनआईए ने बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में एनआईए ने और भी कई बड़े खुलासे करते हुए बताया है कि रामेश्वरम कैफे में ब्लास्ट करने वाले आरोपी सीरिया आधारित आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़े थे। आतंकियों ने और भी कई जगह धमाके की योजना बनाई थी जिसमें भाजपा कार्यालय भी शामिल है।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Mon, 09 Sep 2024 06:20 PM (IST)
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बीजेपी ऑफिस के साथ और भी कई जगह ब्लास्ट करने की आतंकियों की थी योजना। (File Image)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एनआईए ने बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है। एजेंसी ने ब्लास्ट के पीछे ISIS के आतंकियों का हाथ होना बताया है। एनआईए ने अपनी चार्जशीट में मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ को आरोपी बनाया है।

एनआईए ने चार्जशीट में बताया कि कैफे में शाजिब ने बॉम्ब प्लांट किए थे। इसमें अहमद ताहा ने भी उसकी मदद की थी। पूर्व में दोनों आईएसआईएस से भी जुड़े थे। दोनों आतंकी आईएसआईएस की विचारधारा फैलाने का काम करते थे और अन्य मुस्लिम युवाओं को भी इसमें जोड़ने की मुहिम चलाते थे। अन्य दो आरोपी माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ ऐसे ही युवा हैं, जो उनके बहकावे में आ गए थे।

भाजपा कार्यालय को उड़ाने की थी योजना

एनआईए ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया है कि रामेश्वरम कैफे में ब्लास्ट करने से पहले दोनों आतंकियों ने और भी कई हमले की योजना बनाई थी, लेकिन इसमें सफल नहीं हो पाए थे। एनआईए के अनुसार आतंकियों की 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन राज्य भाजपा कार्यालय में भी आईईडी ब्लास्ट को अंजाम देने की योजना थी।

इन जगहों पर भी ब्लास्ट की थी साजिश

एनआईए ने बताया कि आरोपी ताहा और शाजिब को उनके हैंडलर द्वारा क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से फाइनेंस किया गया था, जिसे उन्होंने विभिन्न टेलीग्राम आधारित पी2पी प्लेटफार्मों की मदद से फिएट में बदल दिया था। जांच में पता चला कि आरोपियों द्वारा इस धन का इस्तेमाल बेंगलुरु में हिंसा फैलाने के लिए किया गया था। इसके अलावा भाजपा कार्यालय, मल्लेश्वरम, बेंगलुरु में ब्लास्ट की योजना बनाई गई थी, लेकिन असफल रही थी। इसके बाद दो मुख्य आरोपियों ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट की योजना बनाई थी।

फर्जी सिम, अकाउंट और आईडी का करते थे इस्तेमाल 

एनआईए ने बताया कि दोनों आतंकियों को रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट के 42 दिन बाद पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया गया था, जहां वे छुपकर रह रहे थे। दोनों आतंकी कर्नाटक के शिवमोगा के रहने वाले हैं। दोनों आतंकियों के पास कई सारे फर्जी सिमकार्ड, फर्जी बैंक अकाउंट और भारतीय एवं बांग्लादेशी आईडी दस्तावेज भी मिले हैं, जिसे उन्होंने डार्क वेब से डाउनलोड किया था।