Israel Hamas War: हमास मामले पर भारत का रुख असाधारण, आतंकवाद पर कोई देश ना करे समझौता: इजरायल
भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने अपने देश की भावी रणनीति बताई है। उन्होंने कहा कि सीजफायर के खत्म होते ही गाजा के दक्षिणी हिस्से में सैन्य कार्रवाई शुरू होगी। इजरायली राजदूत ने कहा कि इजरायल-हमास विवाद पर भारत का रुख असाधारण रहा है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने शुरू से ही हमास आतंकियों के हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। इजरायल-हमास विवाद पर भारत का अभी तक का जो रुख है उससे इजरायल की सरकार पूरी तरह से संतुष्ट है। भारत जिस तरह से मानवीय आधार पर गाजा के लोगों को मदद पहुंचाने का काम कर रहा रहा है उसको लेकर भी इजरायल को कोई आपत्ति नहीं है। हां, उसे इस बात की उम्मीद जरूर है कि भारत हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करने का फैसला करेगा।
हमास को समाप्त करने के अलावा विकल्प नहीं
मंगलवार को भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन और दूतावास के कुछ दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों ने कुछ भारतीय पत्रकारों से गाजा पट्टी में चल रही सैन्य कार्रवाई, हमास को लेकर भावी रणनीति और भारत-इजरायल के रिश्तों के तमाम पहलुओं पर बात की। इजरायल के अधिकारियों ने साफ तौर पर कहा कि 07 अक्टूबर, 2023 को हमास आंतकवादियों की तरफ से किये गये हमले के बाद अब उनके सामने इस संगठन को पूरी तरह से समाप्त करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।
इजरायली राजदूत ने कहा कि, इजरायल-हमास विवाद पर भारत का रुख असाधारण रहा है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने शुरू से ही हमास आतंकियों के हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पीएम मोदी ने बाद में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कई मंचों पर साफ तौर पर कहा है कि आतंकवाद के मुद्दे पर किसी भी देश को समझौता नहीं करना चाहिए। जहां तक दो देशों की स्थापना का सवाल है तो यह भी भारत की पुरानी नीति है।
इजरायल को 10 हजार श्रमिकों की जरूरत
उन्होंने यह भी बताया कि इजरायल भारत से ज्यादा कामगारों को लाने की कोशिश में है। पहले ही भारत और इजरायल के बीच दो तरह के समझौते हो चुके हैं। एक समझौता इजरायल में बुजुर्गों व मरीजों की देखभाल करने के लिए प्रशिक्षित नर्सों की आपूर्ति का है, जबकि दूसरा कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में श्रमिकों की आपूर्ति का है। इसके अलावा कृषि सेक्टर में काम करने के लिए भी भारतीय श्रमिकों की आपूर्ति को लेकर एक समझौता किये जाने पर बातचीत चल रही है। इजरायल को 10 हजार कृषि श्रमिकों की अभी जरूरत है।
हमास पर भारत करे फैसला
हाल ही में इजरायल ने पाकिस्तान समर्थक आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को आधिकारिक तौर पर आतंकवादी संगठन घोषित किया है। इसके बारे में गिलोन ने कहा कि मुंबई हमले की बरसी के ठीक पहले हमने यह एक प्रतिकात्मक फैसला किया है। हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करना है या नहीं यह तो भारत सरकार को सोचना है, लेकिन हाल ही में जिस तरह से हमास के नेताओं केरल राज्य में रैली को संबोधित किया है और भारतीय नागरिकों को जिहाद के लिए भड़काने का काम किया है, उसका संज्ञान लेना चाहिए। हमास के बारे में हम भारत को सरकार को हर जानकारी मुहैया करा रहे हैं। फैसला यहां की सरकार को करना है।
क्या संयुक्त अरब अमीरात में इस हफ्ते पीएम मोदी की इजरायल के राष्ट्रपति से मुलाकात हो सकती है, यह पूछे जाने पर इजरायली राजदूत ने कहा कि यह संभव है, लेकिन ऐसा नहीं होता है तब जल्द ही दोनो देशों के शीर्ष नेताओं के बीच मुलाकात को लेकर चर्चा हो रही है।
गाजा के दक्षिणी हिस्से पर भी करेंगे कार्रवाई
इजरायल के दूतावास के कुछ दूसरे अधिकारियों ने गाजा पट्टी में चल रही कार्रवाई को लेकर कई जानकारी भी इस दौरान उपलब्ध कराई। यह बताया गया कि इजरायल की सेना की देखरेख में गाजा के उत्तर क्षेत्र से आम नागरिकों को दक्षिण हिस्से में ले जाया जा रहा है, लेकिन जैसे ही उत्तर क्षेत्र में हमास के खात्मा हो जाएगा, उसके बाद दक्षिणी हिस्से में कार्रवाई की जाएगी। अभी सैन्य कार्रवाई सीजफायर होने से बंद है। इस बीच दोनो पक्षों के बीच बंधकों की रिहाई को लेकर भी बातचीत हो रही है। अधिकारी बताते हैं कि हमास के पास अभी भी 170 के करीब इजरायली नागरिक बंधक हैं। इजरायल सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमास को लेकर इजरायल की सोच अब कभी नहीं बदल सकती। मौजूदा कार्रवाई का एक प्रमुख मकसद हमास को पूरी तरह से खत्म करना है।
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