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Israel-Hamas War: 'इजरायल ने लश्कर को प्रतिबंधित कर ठीक किया...', भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन बोले

Israel-Hamas War 26/11 के मुंबई हमले के 15 साल पूरे होने से पहले इजरायल के लश्कर-ए-तैयबा पर प्रतिबंध लगाने को लेकर गिलोन ने शुक्रवार को बताया कि लश्कर का इजरायल में कोई फुट¨प्रट नहीं होने की वजह से वह देश की आतंकी सूची में आने से छूट गया था। लेकिन लश्कर पर प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया कुछ महीने पहले ही शुरू हो गई थी।

By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Fri, 24 Nov 2023 10:39 PM (IST)
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भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन (फाइल फोटो)

एएनआइ, नई दिल्ली। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा पर इजरायली प्रतिबंध को उचित बताते हुए भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा कि कुछ महीने पहले ही इजरायली सरकार ने लश्कर पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया था। यह फैसला तब लिया गया जब उनके एक अफसर ने देखा कि इजरायल में लश्कर को आतंकी सूची में डाला ही नहीं गया है।

26/11 के मुंबई हमले के 15 साल पूरे होने से पहले इजरायल के लश्कर-ए-तैयबा पर प्रतिबंध लगाने को लेकर गिलोन ने शुक्रवार को बताया कि लश्कर का इजरायल में कोई फुट¨प्रट नहीं होने की वजह से वह देश की आतंकी सूची में आने से छूट गया था। लेकिन लश्कर पर प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया कुछ महीने पहले ही शुरू हो गई थी। उन्होंने कहा कि अगर भारत या अन्य कोई देश किसी अन्य आतंकी संगठन पर प्रतिबंध लगवाने के लिए भी आता है तो हम उस पर विचार करेंगे।

'यह आतंकवाद का मामला है'

अगर कोई देश कहेगा कि इस आतंकी संगठन को इजरायल के जरिये धन पहुंच रहा है या लोगों की भर्ती की जा रही है तो हम जो भी हो जाए उस पर कार्रवाई करेंगे। हम उसके खिलाफ जाएंगे क्योंकि यह आतंकवाद का मामला है। उन्होंने लश्कर का उल्लेख करते हुए कहा कि मुंबई पर हुए भयावह हमले के 15 साल बाद आतंकी संगठन का नाम सूची में हो या नहीं हो, हम हर स्तर पर सहायता के लिए तत्पर हैं।

हमले के बाद इजरायल ने हमास को भी किया प्रतिबंधित 

कुछ महीने पहले लश्कर पर प्रतिबंध लगाने के बाद विगत सात अक्टूबर को हुए हमले के बाद इजरायल ने हमास को भी प्रतिबंधित किया है। मेरे विचार से इजरायल ने सही कदम उठाया है। उन्होंने इंटरनेट मीडिया एक्स पर पोस्ट में एक वीडियो डालते हुए कहा कि इस हफ्ते हम 15 साल पहले मुंबई पर हुए आतंकी हमले की बरसी पर पीला बैंड पहनकर मारे गए लोगों को याद करेंगे।

साथ ही आतंकवाद के खिलाफ एक-दूसरे के साथ खड़े होने के लिए प्रतिबद्धता जताएंगे। उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर, 2008 में मुंबई में हुए पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर के हमले में कुल 166 लोग मारे गए थे जिसमें 20 सुरक्षा अधिकारी और 26 विदेशी नागरिक थे। विभिन्न स्थानों पर हुए आतंकी हमले में 300 से अधिक लोग घायल हुए थे।

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