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Israel War: अल-अक्सा की वजह से इजरायल-हमास में छिड़ी जंग, मक्का और मदीना के बाद तीसरा सबसे पवित्र स्थान है ये

Israel Hamas War इजरायल पर हमास के हमले के बाद दोनों में युद्ध छिड़ गया है। हमास के हमले में 900 से ज्यादा इजरायलियों की मौत हो चुकी है तो वहीं हमास के 600 आतंकियों को इजरायली सेना ने ढेर कर दिया है। आइए जानते हैं इजरायल हमास युद्ध का क्या है कारण और इससे संबंधित चार महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर...

By Mahen KhannaEdited By: Mahen KhannaUpdated: Tue, 10 Oct 2023 08:14 AM (IST)
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Israel Hamas War हमास और इजरायल की जंग में 1500 लोग मरे।

डिजिटल डेस्क, यरुशलम। Israel Hamas War हमास के हमले के बाद इजरायल ने युद्ध की घोषणा कर दी है। इजरायल में अब भी संघर्ष जारी है, वहीं हमास के नियंत्रण वाले गाजा पट्टी में इजरायल की वायुसेना ताबड़तोड़ हमले कर रही है।

हमास के हमले में 900 से ज्यादा इजरायलियों की मौत हो चुकी है, तो वहीं हमास के 600 आतंकियों को इजरायली सेना ने ढेर कर दिया है। 

आइए, जानते हैं इजरायल हमास युद्ध का क्या है कारण और इससे संबंधित चार महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर... 

अल-अक्सा है कारण?

हमास (Israel Hamas Conflict) के अधिकारियों ने कहा कि यह हमला अल-अक्सा पर चल रहे तनाव की वजह से हुआ है। इससे पहले साल 2021 में इजरायल और हमास के बीच 11 दिनों तक युद्ध लड़ा गया था। बता दें कि इस्लाम धर्म में अल अक्सा को मक्का और मदीना के बाद तीसरा सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। इसी को लेकर इजरायल और फिलिस्तीन के बीच विवाद है।

अल-अक्सा मस्जिद मुसलमानों और यहूदियों दोनों के लिए पवित्र है। यहूदी इस जगह को टेंपल माउंट कहते हैं। इस जगह को लेकर पहले भी हिंसा हो चुकी है। हमास ने यहूदियों पर यथास्थिति समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। 

युद्ध घोषणा का क्या मतलब है?

युद्ध की घोषणा के बाद अब इजरायल हमास के खिलाफ सैन्य कार्रवाई कर रहा है। इजरायल ने पहले लेबनान और गाजा में बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान चलाए हैं, लेकिन इसकी औपचारिक घोषणा नहीं की है। लेकिन अब युद्ध की घोषणा के बाद खुले तौर पर गाजा में कार्रवाई कर रहा है।

यह भी पढ़ें- Israel-Hamas War: 'हर बमबारी पर एक इजरायली बंदी को मार देंगे', हमास ने दी इजरायल को चेतावनी

किसने दिया इजरायल का साथ, कौन विरोध में?

अमेरिका के रक्षा मंत्री लायड आस्टिन ने फोर्ड कैरियर स्ट्राइक ग्रुप को इजराइल की मदद के लिए तैयार रहने के लिए पूर्वी भूमध्य सागर में जाने का आदेश दे दिया है। इस बेड़े में कई जहाज और युद्धक विमान शामिल हैं। जर्मनी, यूरोपीय संघ ने भी इजरायल का साथ दिया है। वहीं, रूस और चीन ने कहा है कि इजरायल और फलस्तीन को बातचीत से मुद्दे को सुलझाना चाहिए। ईरान ने हमास का साथ दिया है।

नागरिकों की सुरक्षा के लिए क्या किया जा रहा है?

संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि स्कूलों (आश्रयस्थलों में परिवर्तित) में गाजा के विस्थापितों की संख्या लगभग 123,000 हो गई है। फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन की एजेंसी, यूएनआरडब्ल्यूए ने कहा कि विस्थापित परिवारों को आश्रय देने वाले स्कूलों और अन्य नागरिक बुनियादी ढांचे पर कभी भी हमला नहीं होना चाहिए।