Israel Hamas War: ऐसी है Hamas की नुखबा फोर्स, 2014 गाजा की लड़ाई में भी शामिल थी एलीट यूनिट
Israel Hamas War नुखबा यूनिट 2014 में गाजा की लड़ाई में भी शामिल थी। इस दौरान यूनिट ने इजरायल की सेनाओं पर कई सफल हमलों को अंजाम दिया। 2014 में इजरायल द्वारा शुरू किए गए आपरेशन प्रोटेक्टिव एज के दौरान इसके कई सदस्य मारे गए थे। हाल के वर्षों में इसके सदस्यों की संख्या बढ़ी है। इजरायल एयरफोर्स ने आतंकी संगठन हमास की इलीट फोर्स नुखबा को निशाना बनाया है।
जागरण रिसर्च टीम, नई दिल्ली। इजरायल की एयरफोर्स आइएएफ ने हवाई हमलों में आतंकी संगठन हमास की इलीट फोर्स नुखबा को निशाना बनाया है। इजरायल की एयरफोर्स ने ट्वीट करके ये जानकारी दी है। हमले का मकसद हमास के आपरेशनल कमांड सेंटर को ध्वस्त करना था। माना जा रहा है कि नुखबा एलीट फोर्स ने ही शनिवार को इजरायल में हुए घातक हमले की अगुवाई की थी। आइये जानते हैं कि नुखबा एलीट फोर्स क्या है और ये कैसे काम करती है।
क्या है नुखबा एलीट फोर्स
- नुखबा एक स्पेशल फोर्स है। इससे शामिल लड़ाकों का चुनाव हमास के वरिष्ठ लड़ाकों की एक कमेटी करती है।
- इस फोर्स में शामिल लड़ाके घात, छापा मारने और सुरंग के जरिए इजरायल में घुसपैठ करके हमला करने में माहिर होते हैं।
- ये लड़ाके एंटी टैक मिसाइल, राकेट और स्नाइपर रायफल से हमला करने में भी कुशल होते हैं।
- लड़ाकों को लोगों को बंधक बनाने के लिए भी प्रशिक्षित किया गया है।
- हमास अक्सर इस रणनीति का इस्तेमाल करता है।
- हमास के वरिष्ठ नेताओं की सुरक्षा भी यही कमांडो करते हैं।
- नुखबा फोर्स के सदस्य असाल्ट रायफल, स्नाइपर रायफल और मशीन गन से लैस रहते हैं।
- ये राकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड और एंटी टैंक मिसाइल का इस्तेमाल भी हमले के लिए करते हैं।
2014 गाजा की लड़ाई में भी शामिल थी नुखबा यूनिट
नुखबा यूनिट 2014 में गाजा की लड़ाई में भी शामिल थी। इस दौरान यूनिट ने इजरायल की सेनाओं पर कई सफल हमलों को अंजाम दिया। 2014 में इजरायल द्वारा शुरू किए गए आपरेशन प्रोटेक्टिव एज के दौरान इसके कई सदस्य मारे गए थे। हाल के वर्षों में इसके सदस्यों की संख्या बढ़ी है।
गाजा के सबसे बड़े अस्पताल में ईंधन और बेड की कमी
इजरायल के हमलों के बाद से गाजा पट्टी के सबसे बड़े अस्पताल अल शिफा में गलियारे में भरे हुए हैं, इलाज के लिए मारा-मारी की स्थिति है। ऐसे भी लोग हैं जो अपने घर छोड़कर वहां शरण मांग रहे हैं। अस्पताल में बेड कम पड़ रहे हैं और ईंधन भी कम बचा है।बिजली आपूर्ति बंद होने से यह अस्पताल जनरेटर से विद्युत आपूर्ति पर निर्भर है।
चार दिनों का ईंधन बचा
अस्पताल के निदेशक डॉ मुहम्मद अबू सलीमा ने बताया कि 500 बेड का यह अस्पताल क्षमता से अधिक पर काम कर रहा है। फिलहाल अस्पताल के पास उसके जनरेटरों के लिए चार दिनों का ईंधन बचा है। इस बीच परिवारों, दोस्तों और बचावकर्मियों का घायलों को लेकर अस्पताल में आना जारी है। इलाज की प्रतीक्षा कर रहे खून से लथपथ लोगों के अस्पताल के फर्श पर बैठना या लेटना पड़ रहा है।