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Israel Hamas War: 'आगे रॉकेट पीछे बम, बीच में हम...', इजरायल से लौटे भारतीय मौलवी ने बताई जंग की दास्तां

Israel Hamas War इजरायल में फंसे कई भारतीय भी सुरक्षित रूप से भारत लौट आए हैं और भारतीय दूतावास को इस मदद के लिए धन्यवाद दे रहे हैं। भारतीय दूतावास की मदद से ये लोग युद्ध क्षेत्र से निकलने में सफल हो पाए। उन्हीं में से एक मौलवी ने बताया कि अगर भारतीय दूतावास की मदद न मिलती तो वो युद्ध क्षेत्र में फंस गए होते।

By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Thu, 12 Oct 2023 03:17 PM (IST)
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Israel Hamas War इजरायल में फंसे भारतीय ने सुनाई आप बीती।
एजेंसी, कोच्चि। Israel Hamas War इजरायल और हमास की जंग में कई मासूम लोगों की जान जा चुकी है। हमास के हमले के बाद इजरायल भी उस पर लगातार जवाबी कार्रवाई कर रहा है। आतंकवादी समूह हमास ने 7 अक्टूबर को गाजा के कब्जे वाले क्षेत्र के साथ इजरायल के शहरों पर हमला करना शुरू किया था और उसके हमले में कई विदेशी लोग भी मारे गए।  

इस बीच इजरायल में फंसे कई भारतीय भी सुरक्षित रूप से भारत लौट आए हैं और भारतीय दूतावास को इस तत्परता के लिए धन्यवाद दे रहे हैं। भारतीय दूतावास की मदद से ये लोग युद्ध क्षेत्र से निकलने में सफल हो पाए।

भारतीय दूतावास के कारण हो सकी सुरक्षित वापसी

ऐसे ही एक तीर्थयात्री जो खुद को मौलवी बताते हैं, उन्होंने एक मलयालम समाचार चैनल को बताया कि हमास (Israel Hamas War) के हमले के बीच भारतीय दूतावास के अधिकारियों की त्वरित कार्रवाई के चलते उनकी केरल में समय पर वापसी संभव हो सकी।

एक दिन भी लेट हो जाता तो...

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मौलवी ने आगे बताया कि अगर भारतीय दूतावास की मदद न मिलती और हमारी वापसी यात्रा एक दिन के लिए भी स्थगित कर दी गई होती, तो हम युद्ध क्षेत्र में फंस गए होते।

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चारों ओर गिर रहीं मिसाइलें

मौलवी और उनकी पत्नी ने कहा कि शुरू में उन्हें स्थिति की गंभीरता समझ में नहीं आई, लेकिन आगे-पीछे गिर रही मिसाइलों की आवाजें सुनने और अपने आसपास तनावपूर्ण माहौल देखने के बाद उन्हें डर लगने लगा। मौलवी ने आगे कहा कि हम अगली सुबह ही अपनी यात्रा फिर से शुरू कर सके और हमारा समूह ताबा सीमा के माध्यम से मिस्र में प्रवेश कर गया। हमने इजरायल की सीमा पार की तो हमें राहत मिली।

45 लोग तीर्थयात्रा पर इजराइल गए थे

केरल के अलुवा के मूल निवासी मौलवी और उनकी पत्नी केरल के 45 सदस्यीय समूह का हिस्सा थे, जो तीर्थयात्रा पर इजराइल गए थे। तीर्थयात्रियों का समूह गुरुवार सुबह ही भारत पहुंचा है।