Mumbai Attack: खून से लथपथ पड़े थे माता-पिता के शव, 2 साल के बेबी मोशे की रोती हुई आवाज सुन भारतीय महिला ने ऐसे बचाई थी जान
आतंकी हमलों में जीवित बचे मोशे अपनी भारतीय आया सैंड्रा को सीने लगाए खूब रो रहे थे जिसकी तस्वीरों ने दुनिया भर का ध्यान खींचा। मोशे के दादा रब्बी शिमोन रोसेनबर्ग उस दौर को याद करते हुए बताते है कि मोशे ठीक है और येशिवा (Jewish school ) में पढ़ रहा है। सैंड्रा इजरायल में है और हर दूसरे सप्ताहांत में हमारे साथ रहने के लिए यरूशलम से आती है।
By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Sun, 26 Nov 2023 11:24 AM (IST)
पीटीआई, अफुला (इजरायल)। Mumbai Attack 26/11: आज 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों की 15वीं बरसी है। इस काले दिन को भुल कर भी भुलाया नहीं जा सकता है, जब दक्षिण मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को पाकिस्तान से समुद्री मार्ग से आए 10 लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादियों ने यहूदियों के केंद्र चाबाड हाउस समेत कई जगहों पर हमला कर दिया था।
इस अंधाधुंध हमले में छह यहूदियों और 18 सुरक्षाकर्मियों सहित 166 लोग मारे गए। ताबड़तोड़ बंदूक की गूंज पूरी मुंबई में सुनाई दे रही थी। वहीं, नरीमन हाउस हमले (चाबाड हाउस) में उस दौरान मौजूद 2 साल के मोशे होल्त्जबर्ग ने अपने माता-पिता को जिंदगी भर के लिए खो दिया था।
आतंकी हमले में जीवित बचा था बेबी मोशे
आतंकी हमलों में जीवित बचे मोशे अपनी भारतीय आया सैंड्रा को सीने लगाए खूब रो रहे थे, जिसकी तस्वीरों ने दुनिया भर का ध्यान खींचा। मोशे के दादा रब्बी शिमोन रोसेनबर्ग उस दौर को याद करते हुए बताते है कि मोशे ठीक है और येशिवा (Jewish school) में पढ़ रहा है। सैंड्रा इजरायल में है और हर दूसरे सप्ताहांत में हमारे साथ रहने के लिए यरूशलम से आती है। रब्बी रोसेनबर्ग ने कहा, परिवार के सदस्य के रूप में सैंड्रा का हमारे घर में एक स्थायी स्थान है।
मोशे के दादा ने किया उस काले दिन को याद
मोशे के दादा उस काले दिन और भारतीय आया सैंड्रा सैमुअल के साहसी कार्य को याद करते हुए बताते है कि मोशे को बचाने के लिए सैंड्रा ने अपनी जान जोखिम में डाल दी थी। क्रूर हमले में अनाथ हुए छोटे बच्चे मोशे की तस्वीरों ने इजरायल के लोगों में व्यापक गुस्सा पैदा किया और न्याय की मांग भी की।
अब मोशे 17 साल के हो गए है। 2017 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल दौर पर थे, तो उन्होंने मोशे से मुलाकात की थी। अपने रिकॉर्ड किए गए संदेश में मोशे बताते है कि 'पीएम मोदी ने मुझे गर्मजोशी से गले लगाया और वास्तव में उत्साहित हुए और मुझे मेरे दादा-दादी के साथ भारत आने के लिए भी आमंत्रित किया।' बाद में मोशे ने 2018 में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की भारत यात्रा के दौरान अपने दादा-दादी के साथ भारत का दौरा किया था। एक दिन मुंबई में चबाड हाउस का निदेशक बनने का सपना देखने वाले युवा मोशे ने कहा, 'मैं पीएम मोदी जी के गर्मजोशी और दयालुता के लिए उनका आभारी हूं।'