Israel Hamas War: हमास की जड़ें उखाड़ने की तैयारी में इजरायल, अब अरब देशों की एकजुटता पर खड़ा हुआ नया संकट
Israel Hamas War हमास के घातक हमले के बाद इजरायल ने आतंकी संगठन के समूल नाश की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं। इजरायल दुश्मनों से ऐसी कीमत वसूल करना चाहता है कि दोबारा कोई भी आतंकी संगठन उसकी सीमाओं में घुस कर नागरिकों या सुरक्षाबलों पर बड़े पैमाने पर हमला करने की जुर्रत न कर पाए।
By Jagran NewsEdited By: Prince SharmaUpdated: Fri, 20 Oct 2023 07:33 AM (IST)
ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। हमास के घातक हमले के बाद इजरायल ने आतंकी संगठन के समूल नाश की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं। इजरायल दुश्मनों से ऐसी कीमत वसूल करना चाहता है कि दोबारा कोई भी आतंकी संगठन उसकी सीमाओं में घुस कर नागरिकों या सुरक्षाबलों पर बड़े पैमाने पर हमला करने की जुर्रत न कर पाए। हालांकि इजरायल हमास संघर्ष ने सिर्फ अरब देशों और इजरायल के बीच संबंध सामान्य होने की प्रक्रिया को रोक दिया है। बल्कि इस संघर्ष ने इजरायल के खिलाफ अरब देशों की एकजुटता के खतरे को भी काफी बढ़ा दिया है।
अरब देशों का हमला और फलस्तीनियों का विस्थापन
फलस्तीनियों और अरबों के लिए इजरायल के साथ युद्ध सात अक्टूबर की सुबह हमास के हमले के साथ शुरू नहीं हुआ है। उनके लिए इजरायल के साथ लड़ाई 1948 से जारी है जब फलस्तीनियों को उनके घर से निकाला गया और हजारो फलस्तीनियों की हत्या की गई। इसे नकबा या तबाही कहा गया।
यह भी पढ़ें- Israel Hamas War: कैसे हुआ इजरायल का जन्म, 75 साल में क्या बदला और कब पड़ी हमास की नींव; जानिए पूरी कहानी1948 में अरब देशों और नए राष्ट्र इजरायल के बीच पहला पहला संघर्ष हुआ था। पांच अरब देशों के सैन्य गठबंधन मिस्र, इराक, जार्डन, लेबनान और सीरिया ने इजरायल पर हमला किया था। हमले का नतीजा ये हुआ कि आधी से अधिक फलस्तीनी आबादी को स्थाई तौर पर विस्थापित होना पड़ा।
जंग का दौर
- 1956 के स्वेज संकट के बाद इजरायल और अरब देशों के संबंध और खराब हुए
- 1967 में मिस्र ने इजरायली पोतों के लिए तीरान खाड़ी बंद करने की घोषणा की
- 6 दिन के युद्ध में मिस्र ने गाजा पट्टी, सीरिया ने गोलन हाइट्स गवां दिया और जार्डन ने पूर्वी यरुशलम और वेस्ट बैंक से नियंत्रण खो दिया।
- 1969 और 1973 की लड़ाई इजरायल, मिस्र और सीरिया के बीच हुई। अमेरिका और सोवियत संघ ने भी अपने-अपने पक्ष की लड़ाई में मदद की।