हाइफा की 104वीं बरसी पर इजराइली राजदूत ने भारतीय सैनिकों को दी श्रद्धांजलि, तीन मूर्ति चौक का बदला गया था नाम
India and Israel Relation कार्यक्रम में राजदूत गिलोन ने कहा कि भारत और इजराइल के बीच संबंध हमेशा प्रगाढ़ रहे हैं। हमारे अद्भुत संबंधों के एक और पुल का जश्न मनाना हमारी प्राचीन सभ्यताओं को जोड़ना रहा है।
By AgencyEdited By: Arun kumar SinghUpdated: Fri, 23 Sep 2022 07:03 PM (IST)
नई दिल्ली, एएनआई। भारत और इजराइल के पास प्राचीन सभ्यताओं की साझा विरासत रही है। दोनों देशों के संबंध भी काफी मजबूत रहे हैं। इसका जश्न मनाते हुए भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने शुक्रवार को तीन मूर्ति हाइफा चौक पर बहादुर भारतीय सैनिकों को सम्मान दिया, जिन्होंने हाइफा की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी थी।
हाइफा की लड़ाई के दौरान दो भारतीय जवानों ने दी थी जान
23 सितंबर हाइफा की लड़ाई की 104वीं वर्षगांठ है। हाइफा दिवस उन दो भारतीय घुड़सवार ब्रिगेडों को याद करने के लिए मनाया जाता है, जिन्होंने प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान 1918 में तुर्की-जर्मन सेना से इजराइली शहर हाइफा को मुक्त करने के लिए ब्रिटिश जनरल एडमंड एलेनबी के तहत लड़ाई लड़ी थी।
इजराइल के राजदूत ने भारतीय सैनिकों को दी श्रद्धांजलि
1918 में हाइफा की लड़ाई में शहर को आजाद कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा कि 104 वर्षों के बाद दुनिया को वीर सैनिकों के बलिदान को याद रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को अपनी विरासत का पालन करना चाहिए और सैनिकों के बीच बनाए गए बंधन को और मजबूत करना चाहिए।भारत और इजराइल संबंधों का मजबूत आधार
कार्यक्रम में राजदूत गिलोन ने कहा कि भारत और इजराइल के बीच संबंध हमेशा प्रगाढ़ रहे हैं। हमारे अद्भुत संबंधों के एक और पुल का जश्न मनाना हमारी प्राचीन सभ्यताओं को जोड़ना रहा है। पिछले 2000 वर्षों से यहूदी भारत में सद्भाव के साथ रहते थे। इजराइल में 900 से अधिक भारतीय सैनिक दफन हैं। हम समझते हैं कि युद्ध की कीमत क्या है। साथ ही उन सैनिकों की कीमत क्या है, जिन्होंने जीवन भर संघर्ष किया है। हम इसकी दिल से सराहना करते हैं। हम इनका सम्मान करते हैं। वह भारत और इजराइल के आज के बहुत अच्छे संबंधों के लिए एक और बहुत मजबूत आधार हैं।दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने सैनिकों को किया था सम्मानित
गिलोन ने कहा कि मुझे यहां तीन मूर्ति हाइफ़ा चौक पर खड़े होने पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है, जो भारतीय सैनिकों की बहादुरी का प्रतीक है। भारत के रूप में हमने 2018 में तत्कालीन इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की भारत यात्रा के दौरान इसका नाम हाइफा के नाम पर रखा था। साथ ही जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2017 में इजराइल गए थे, उन्होंने हाइफा कब्रिस्तान में बहादुर भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी थी। 104 साल बाद आइए हम न केवल उन सैनिकों के बलिदान को याद करें बल्कि उनकी विरासत का पालन करें और हमारे राष्ट्रों के बीच बनाए गए रक्त संबंध को और मजबूत करें।